नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढा समिति ने आज भारतीय क्रिकेट बोर्ड को कहा कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ईसीबी और बीसीसीआई के बीच ‘प्रस्तावित समझौता पत्र’ ‘आदेश का हिस्सा नहीं है’ और जब तक विस्तृत जानकारी नहीं मुहैया करायी जायेगी तब तक भुगतान पर कोई भी निर्देश जारी नहीं किये जा सकते।
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सचिव अजय शिर्के ने समिति से निर्देश मांगे थे कि क्या उन्हें ईसीबी से अपने भुगतान करने के लिये बोल देना चाहिए क्योंकि बीसीसीआई वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकता क्योंकि द्विपक्षीय श्रृंखला के दौरान दौरा करने वाली टीम के लिये भुगतान और सारे इंतजामात घरेलू बोर्ड द्वारा ही किये जाते हैं। इसके जवाब में लोढा पैनल ने कहा, ‘‘बीसीसीआई और ईसीबी के बीच प्रस्तावित समझौता पत्र द्विपक्षीय क्रिकेट नीति से संबंधित है, जो समिति के आदेश का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।
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जहां तक भुगतान का संबंध है, अगर ये बीसीसीआई द्वारा सीधे दिये जाते हैं तो इस समिति द्वारा तब तक कोई निर्देश नहीं दिये जा सकते हैं, जब तक बीसीसीआई द्वारा मामले से संबंधित जानकारी मुहैया नहीं करायी जाती। ’’ पैनल सचिव गोपाल शंकरनारायण द्वारा लिखे गये ईमेल में कहा गया, ‘‘क्रिकेट कैलेंडर में किसी भी बाधा से बचने के लिये और खेल के प्रेमियों का लुत्फ उठाना सुनिश्चित करने के लिये बीसीसीआई को सलाह दी जाती है कि वह उच्चतम न्यायालय के 18 जुलाई 2016, सात अक्तूबर 2016 और 21 अक्तूबर 2016 के आदेश में दिये गये निर्देशों का पालन करे। ’’ (एजेंसी )
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