नई दिल्ली। मणिपुर की मशहूर बाक्सर एमसी मैरीकॉम की कहानी से तो आप सभी वाकिफ है की लेकिन एक खिलाड़ी और भी है जिसकी कहानी मणिपुर से शुरु हुई और आज वह खिलाड़ी टीम इंडीया की कप्तान बनकर रियो ओलपिंक जा रही है। उस खिलाड़ी का नाम सुशीला चानू है।
यह भी पढ़े;ओलंपिक प्रतिबंध को लेकर आईओसी ने रूस पर फैसला टाला
एक इंटरव्यू में सुशीला चानू ने बताया की मणिपुर में हॉकी अकादमी का ना होना उनके लिए काफी परेशानी पैदा करने वाला रहा। करियर के शुरुआती दौर में नेशनल लेवल के लिए कई बार ट्रायल दिया था। इसके बावजूद उनका सलेक्शन नहीं हो पा रहा था। वे हमेशा स्टैंडबाय में रहती थी। इसलिए हॉकी खेलना भी छोड़ दिया था।
यह भी पढ़े;भारत बनाम वेस्टइंडीज : कल से होगा मुकाबला, जाने किस मामले में भारत है भारी
लेकिन बाद में कोच और परिजनों ने हौसला बढाया तो फिर से हॉकी खेलना शुरु किया। 2005 में सब जूनियर नेशनल में बेंगलुरु में उनका चयन हुआ। इसके बाद हॉकी अकादमी में चयन हुआ, जहां उन्होंने चार साल तक कोचिग ली। इसके बाद 2008 में मलेशिया में अंडर-21 महिला एशिया हॉकी में खेलने का मौका मिला। गौरतलब है की चानू की कप्तानी में भारतीय टीम साल 2013 में जूनियर विश्व कप मे कांस्य पदक जीत चुकी है।