कोलकाता। पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने आज बीसीसीआई और क्रिकेट आस्ट्रेलिया की हाल के डीआरएस विवाद को अच्छी तरह से संभालने के लिए तारीफ की लेकिन उनका मानना है कि 2007-08 की ‘मंकीगेट’ प्रकरण काफी लंबा खींच लिया गया था। बीसीसीआई और सीए ने गुरूवार को इस अध्याय को समाप्त करने का फैसला किया था। बीसीसीआई ने भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दौरान डीआरएस पर ड्रेसिंग रूम की मदद लेने के लिए आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ के खिलाफ आईसीसी में दायर शिकायत वापस ले ली थी।
क्लार्क ने एंड्रयू साइमंड्स और हरभजन सिंह से जुड़े ‘मंकीगेट’ प्रकरण और वर्तमान विवाद को लेकर बात करते हुए कहा, मैंने उस समय एससीजी की स्थिति को देखा था। मैं एंड्रयू साइमंड्स का काफी करीबी था। मैंने उससे कहा कि क्या उसके खिलाफ नस्ली टिप्पणी की गई। यह केवल एंड्रयू के खिलाफ नस्ली टिप्पणी से जुड़ा मसला नहीं था।
उसे उसी समय समाप्त किया जाना चाहिए था और खेल भावना से खेल आगे जारी रखना चाहिए था। उन्होंने कहा, स्टीव स्मिथ की घटना को देखो। उन्होंने इसे अच्छी तरह से संभाला। हम जानते हैं कि हम बेहतरीन टेस्ट श्रृंखला खेल रहे हैं।
हमें अगले मैच पर ध्यान देना चाहिए। यह मायने नहीं रखता कि मैदान पर आप कितने कड़े हो या आप किसके खिलाफ खेल रहे हो आपको एक दूसरे पूरा सम्मान करना चाहिए।
सिडनी टेस्ट में भारत की 122 रन की हार के बाद हरभजन पर नस्ली टिप्पणी का आरोप लगाया गया। पहले उन पर तीन मैच का प्रतिबंध लगाया गया जिसे बाद में कम किया गया। इसको लेकर दोनों बोर्ड के बीच अदालती द्वंद्व भी चला।
क्लार्क ने अपनी आत्मकथा ‘माई स्टोरी’ के विमोचन के अवसर पर कहा, पिछले टेस्ट मैच में जो कुछ हुआ वह बीती बात है। अब वे रांची पहुंच गए हैं और यह बहुत अच्छा है। वे सीसीआई में कहीं बैठे और उन्होंने फैसला किया कि इस मसले को आगे नहीं खींचा जाए। क्लार्क ने कहा कि उन्होंने भी अपने करियर में गलतियां की।
उन्होंने खुलासा किया, ‘उसी श्रृंखला 2007-08 में मैं बल्लेबाजी कर रहा था और मैंने कुंबले की गुगली पर स्लिप में कैच दे दिया था। मैं क्रीज छोडक़र नहीं गया। मुझे जबकि ऐसा करना चाहिए था। यह एक गलती थी जो मैंने की।
क्लार्क ने कहा, मुझे अपने देश का प्रतिनिधित्व करना अच्छा लगता था। मैं वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। मैं नहीं जाना चाहता था और बहुत निराश था। मैंने अपने करियर में कई गलतियां की।
उन्होंने कहा, लेकिन मेरा हमेशा मानना है कि मैंने सच्ची खेल भावना से खेल खेला तथा अपने देश और फ्रेंचाइजी के प्रतिनिधित्व करने को महत्व दिया। मैंने कभी धोखाधड़ी की कोशिश नहीं की।
मुझे नहीं लगता कि मेरे करियर की एक दो या तीन घटनाओं पर गौर करना सही होगा लेकिन मैंने पूरी गरिमा के साथ खेल खेला और अपने देश का मान बनाए रखा। इस पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान ने विराट कोहली की कप्तानी की भी तारीफ की।