नई दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ डीडीसीए के कामकाज को देखने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए न्यायाधीश मुकुल मुदगल चयनकर्ताओं को बर्खास्त किए जाने के मसले पर दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं। इन चयनकर्ताओं को उस पैनल ने चुना था जिसकी नियुक्ति न्यायाधीश मुदगल ने की थी।
न्यायाधीश मुदगल ने कहा कि डीडीसीए ने जो कदम उठाए हैं उस पर उच्च न्यायालय का ध्यान आकृष्ट कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि मेरे निर्देश और फैसले खारिज किए जा रहे हैं। मैं अदालत का ध्यान इस तरफ आकृष्ट करना चाहूंगा। मैं पहले ही अदालत से मुझे इस काम से मुक्त करने के लिए कह चुका हूं। मैं फिर से अदालत से कहूंगा कि वह मुझे मुक्त करने के लिए कहूंगा। ’’
न्यायमूर्ति मुदगल ने इसके साथ ही कहा कि डीडीसीए की कार्रवाई किसी हद तक अदालत की अवमानना है क्योंकि इस क्रिकेट संस्था के कामकाज की देखरेख के लिए उन्हें उच्च न्यायालय ने नियुक्त किया था।
डीडीसीए की खेल समिति ने कल पूर्व भारतीय खिलाड़ियों अतुल वासन और निखिल चोपड़ा को राज्य के सीनियर चयन पैनल जबकि मनिंदर सिंह को जूनियर चयन पैनल से हटा दिया था। चोपड़ा और वासन की नियुक्ति उस पैनल ने की थी जिसका चयन न्यायमूर्ति मुदगल ने किया था।
खेल समिति ने राष्ट्रीय चयनकर्ता सरनदीप सिंह को पैनल में शामिल किया। पूर्व लेग स्पिनर राकेश शुक्ला को भी पैनल में रखा गया है जो कि बीसीसीआई के नियमों का उल्लंघन है जिसने चयनकर्ताओं के लिए 60 वर्ष की उम्र तय की है। शुक्ला अभी 68 साल के हैं।
मनिंदर के स्थान पर समिति ने पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज विनय कुमार को पैनल में रखा है।