नई दिल्ली। प्रशासकों की समिति ने आज सर्वसम्मति से फैसला लिया कि इंडियन प्रीमियर लीग मैचों में व्यवधान पैदा करने की कोशिश करने वाली राज्य ईकाइयों को कड़ी सजा मिलेगी और उचित कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
सीओए की आज यहां हुई बैठक में यह महसूस किया गया कि राज्य ईकाइयां भ्रामक जानकारियां फैलाने की कोशिश कर रही है जबकि उन्हें आईपीएल मैचों के आयोजन के लिए कभी अपनी जेब से खर्च नहीं करना पड़ा है।
बोर्ड के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि यह पाया गया है कि कुछ राज्य ईकाइयां साफ झूठ बोल रही है क्योंकि मैचों के आयोजन का खर्च बीसीसीआई और फ्रेंचाइजी आधा आधा बांटते हैं। कुछ राज्य ईकाइयां अलग तस्वीर पेश करने की कोशिश में हैं।
सूत्र ने कहा, पिछले नौ सत्रों में सात मैचों की मेजबानी करने वाली ईकाई को 60 लाख रुपए की जरूरत पड़ी है जिसमें से 30 लाख रुपए आईपीएल फ्रेंचाइजी ने और बाकी 30 लाख बीसीसीआई ने दिए हैं। यहां राज्य ईकाइयां कहीं तस्वीर में ही नहीं है ।
उन्होंने कहा, मसलन कानपुर दो मैचों का आयोजन कर रहा है तो उसे उसी के मुताबिक पैसे मिलेंगे। दिल्ली डेयरडेविल्स आईपीएल शुरू होने से पहले बीसीसीआई को 30 लाख रुपए दे देता है और टूर्नामेंट के बाद बीसीसीआई बाकी पैसे देता है।
शशांक मनोहर के आईसीसी चेयरमैन के पद से इस्तीफा देने के मसले पर भी बात की गई। सीओए ने तय किया कि राजस्व मॉडल और संवैधानिक सुझावों पर वह अन्य सदस्य बोर्ड से बातचीत करेगा।