भारतीय ओलंपिक संघ(आईओए) ने भारतीय मुक्केबाजी फैडरेशन(आईबीएफ) की मान्यता को बहाल कर दिया है।
लम्बे समय से भारतीय मुक्केबाजी पर छाए काले बादल छंट गए हैं। लम्बी जद्दोजेहाद के बाद आखिरकार भारतीय ओलम्पिक संघ ने मुक्केबाजी फैडरेशन की मान्यता को फिर से बहाल कर दिया है। इस फैसले के बाद अब बॉक्सिंग में भविष्य तलाशने वालों की उम्मीदों को फिर से पंख लगने वाले हैं।
आईओए ने बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह को भेजे पत्र में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के 7 फरवरी को भेजे पत्र में निहित निर्देशों के तहत आईओए बीएफआई को मान्यता देता है बशर्ते आईओए की कार्यकारी परिषद या आमसभा इसे मंजूरी दे।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर से चला आ रहा गतिरोध भी इसके साथ दूर हो गया। बीएफआई के नए पदाधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ और खेल मंत्रालय के पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में चुनाव के बाद पद संभाला था।
मान्यता बहाल किए जाने के बाद बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैं आईओए से मिली मान्यता का स्वागत करता हूं और उम्मीद है कि आमसभा भी इसे मंजूरी दे देगी।
क्यूं रद्द हुई थी मान्यता
भारतीय मुक्केबाजी फैडरेशन में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका था। अधिकारी मनमाने ढंग से फैडरेशन के फंड का दुरुपयोग कर रहे थे। इसके अलावा आईओए की नीतियों को भी चुनौती देकर खेल भावना के विपरित निर्णय ले रहे थे।
यही नहीं मुक्केबाजी फैडरेशन आईओए की गाइडलाइन्स को ताक पर रखकर चुनाव आयोजित करवा रहा था। इन कारणों के चलते आईओए ने मुक्केबाजी फैडरेशन की मान्यता को रद्द करने का कठोर निर्णय लिया था।