नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया ने आज कहा कि शीर्ष स्तरीय ढांचे की कमी अब भी देश में फुटबॉल के विकास में बाधा बनी हुई है जबकि एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने दोहराया कि इस खेल में क्रिकेट की तुलना में काफी कम धनराशि मौजूद है।
भूटिया को लगता है कि कई अवसर बने हैं लेकिन बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में काफी कुछ किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे समय में सुब्रतो कप के अलावा मैंने सिर्फ एक अंडर-16 राष्ट्रीय टूर्नामेंट खेला था। लेकिन आईएम विजयन जैसे खिलाड़ी ने कोई भी उम्र ग्रुप का टूर्नामेंट नहीं खेला था। लेकिन अब आ रहे युवाओं को कई मौके मिल रहे हैं। ’’
भूटिया यहां विजयन, जो पॉल अंचेरी और ब्रुनो कौत्निहो के साथ फीफा के क्षेत्रीय विकास अधिकारी दक्षिण एवं मध्य एशिया शाजी प्रभाकरन द्वारा लिखी गई किताब ‘बैक टू द रूट्स, ए डेफिनिटिव गाइड टू ग्रासरूट्स एंड फुटबॉल डेवलेपमेंट’ के लांच के मौके पर मौजूद थे।
इस मौके पर पटेल ने कहा, ‘‘हमारे पास अच्छे मैदान हैं, अभी फीफा ने हमारे छह स्टेडियमों को अगले साल होने वाले अंडर-17 विश्व कप के लिए मंजूरी दी है और स्टैंडबाई के रूप में भी छह स्टेडियमों को मंजूरी मिली है। हमें इसे व्यापक परिदृश्य में देखना चाहिए। मुद्दा है कि पैसा कहां हैं, क्रिकेट के अलावा भारतीय खेलों में कोई पैसा नहीं है। हॉकी में कोई पैसा नहीं है, निश्चित रूप से न ही फुटबॉल में और अन्य ओलंपिक खेलों में। ’’