नई दिल्ली। डोपिंग से देश को शर्मसार करने वाले खिलाड़ियों पर केन्द्र सरकार अब लगाम कसने वाली है। भारतीय खेलों में डोपिंग के बढ़ते चलन से चिंतित खेल मंत्रालय अब इसे अपराध की श्रेणी में लाने की तैयारी कर रहा है। जिसके तहत दोषी खिलाडिय़ों और कोचों को जेल की सजा भी हो सकती है।
इसके लिए सरकार द्वारा जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में मौजूदा कानूनों पर गौर किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले खेलमंत्री विजय गोयल ने कहा था कि डोपिंग को अपराध की श्रेणी में लाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मौजूदा व्यवस्था दोषियों को पकडऩे के लिए काफी है और डोपिंग के दोषी पाए जाने वाले खिलाडिय़ों की शर्मिंदगी ही उनकी सजा है।
गोयल ने हालांकि गुरुवार को कहा कि उन्हें स्कूल और विश्वविद्यालय स्तर पर डोपिंग के फैलने का डर है और इसीलिए खिलाड़ियों के जेहन में डर का होना जरूरी है। उन्होंने ‘डोपिंग निरोधक कानून का मसौदा तैयार करने को लेकर मशविरा बैठक’ से इतर कहा कि हम इस पर गौर कर रहे हैं कि नए कानून के तहत क्या दोषी खिलाड़ियों को जेल हो सकती है। यह कानून डोपिंग को अपराध की श्रेणी में लाएगा।
राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल भी इस मौके पर मौजूद थे। गौरतलब है कि हाल ही में भारत के अनुभवी भारतीय गोलकीपर सुब्रत पाल राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी के डोपिंग परीक्षण में विफल पाए गए हैं। इसके कारण उन पर चार साल का प्रतिबंध भी लगाया सकता है।