राजकोट। टीम इंडिया के उप कप्तान अजिंक्या रहाणे ने कहा है कि इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के इस्तेमाल करने को लेकर टीम के पास एक अलग तरह की रणनीति है लेकिन डीआरएस से पहले टीम अच्छी और आक्रामक क्रिकेट खेलने पर ध्यान देगी।
रहाणे ने सोमवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह पूरी तरह से एक नया कॉन्सेप्ट है। हमें डीआरएस को इंतजार करके देखना होगा। हम न्यूजीलैंड सीरीज से ही डीआरएस के बारे में विचार कर रहे हैं। इसके लिए हमने कुछ रणनीति तैयार की हैं।
उन्होंने कहा हम डीआरएस पर अपने खिलाड़ियों को और जानकारी देना चाहेंगे कि कैसे ये काम करता है और कैसे हमें इसके साथ खेलना होगा। लेेकिन हमारा मुख्य लक्ष्य अच्छा और आक्रामक क्रिकेट खेलना हैं, डीआरएस तो बाद की बात है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) शुरु में इस प्रणाली के शुरू से पक्ष में नहीं थी। बोर्ड इसमें सुधार चाहता था। आठ साल पहले श्रीलंका में डीआरएस के साथ खराब अनुभव के बाद से ही भारत लगातार डीआरएस का विरोध करता आ रहा था। हाल में इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं जिसके बाद ही बीसीसीआई ने इसे हरी झंडी दी है। हालांकि अब भी ये इंग्लैंड सीरीज में ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
उपकप्तान ने कहा,डीआरएस को लेकर विकेटकीपर और स्लिप में खड़े खिलाड़ी को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ती है क्योंकि विकेटकीपर और स्लिप के खिलाड़ी को अपने कप्तान और गेंदबाज को डीआरएस के बारे में संदेश देना होता है। हमें प्रतीक्षा करनी होगी और यह देखना होगा कि सीरीज में इसका कैसे इस्तेमाल किया जाता है।
टीम के सबसे विश्वसनीय बल्लेबाज के रूप में अपनी जगह बना चुके रहाणे ने कहा एक बल्लेबाज के रूप में आपको पूरी तरह से खेल में शामिल रहना पड़ता है। आपको यह देखना होता है कि गेंद कहां जा रही है। आपको ही फैसला लेना होता है कि आप रिव्यू के लिए जाएंगे या नहीं।
भारत 29 साल बाद अपनी सरजमीं पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगा। उन्होंने कहा कि टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ ही 2014 में पांच मैचों की सीरीज से तरोताजा बने रहने और जज्बा बनाए रखने का महत्व सीखा था।
28 वर्षीय रहाणे ने कहा, पांच मैचों की सीरीज में आखिरी तक फिट बने रहना महत्वपूर्ण होता है। हमने इंग्लैंड में पांच मैचों की सीरीज खेली थी और हम जानते हैं कि इस तरह की लंबी सीरीज में क्या करना होता है। एक युवा टीम के लिए वह अच्छा अनुभव था। पांचवें मैच तक फिट रहना महत्वपूर्ण होता है।