Manoj kumar Sharma: बीसीसीआई ने भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के शेष दो मैचों के आयोजन हेतु फंड रिलीज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है.
विश्व का सबसे धनी और देश के सभी खेल संघों में भी आर्थिक रुप से सबसे मजबूत बीसीसीआई इन दिनों मुश्किल भरे दौर से गुजर रहा है. अधिकारियों को मोटी रकम देने के अलावा खिलाड़ियों को भारी भरकम राशि पर अनुबंधित करने वाला बीसीसीआई आज पाई-पाई के लिए मोहताज हो गया है.
बीसीसीआई के अधिकार क्षेत्र में इतना पैसा भी नहीं है कि वह भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज का मैच भी आयोजित करवा सके. बीसीसीआई का अपना अरबों रुपए का फंड होने के बावजूद उसे इस्तेमाल नहीं कर सकता. ये सब हो रहा हैं बीसीसीआई की गलत नीतियों के कारण.
क्रिकेट की छवि सुधारने के लिए कोर्ट ने संभाली कमान:
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की जवाबदेही तय करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित की गई लोढ़ा समिति ने कई सिफारिशें की हैं. इसमें से कुछ सिफारिशें काफी कड़ी हैं जिसमें एक राज्य एक वोट और प्रशासकों के लिए तीन साल का ब्रेक शामिल है.
बीसीसीआई ने की लापरवाही और बोर्ड ने दिखाई सख़्ती:
बीसीसीआई के प्रति कड़ा रुख दिखाते हुए लोढ़ा कमेटी ने बैंकों से 30 सितंबर को बोर्ड की विशेष आम बैठक में लिए गए वित्तीय फैसलों के संबंध में किसी भी राशि का भुगतान न करने का निर्देश दिया था. बीसीसीआई का कहना है कि पैनल के रुख के कारण उसे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है.
अब तक दो बार हाथ फैला चुका है बीसीसीआई:
यही वजह है कि लोढ़ा पैनल द्वारा बीसीसीआई के बैंक खाते सील कर दिए जाने की खबरों के बाद भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच जारी सीरीज़ पर रद्द होने का भी खतरा मंडराने लगा था. हालांकि बाद में यह खतरा टल गया था. इससे पूर्व कोर्ट बीसीसीआई को 56.66 करोड़ रुपए का फंड जारी कर चुका है. अब फिर से बीसीसीआई ने अदालत के समक्ष भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज़ मैचों के सफल आयोजन के लिए 1.33 करोड़ रुपए जारी करने की गुहार लगाई है.
Follow:
Twitter- https://twitter.com/EmediaManoj
Facebook- https://www.facebook.com/EmediaManoj