भगवान गणेश ने क्यों दिया गीता का उपदेश

Samachar Jagat | Thursday, 08 Dec 2016 07:30:01 AM
Why did Lord Ganesh preaches Gita

जिस तरह भगवान कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था उसी तरह से गणपति ने भी राजा वरेण्य को मोक्ष प्राप्ति के लिए गीता का उपदेश दिया था। बहुत कम लोगों को गणेश गीता की जानकारी है आइए आपको बताते हैं भगवान गणेश ने क्यों दिया राजा वरेण्य को गीता का उपदेश और क्या हैं ये उपदेश....

गणेशगीता के 11 अध्यायों में 414 श्लोक हैं।

प्रथम अध्याय में गणपति ने राजा वरेण्य को योग का उपदेश दिया और उन्हें शांति का मार्ग बताया।

दूसरे अध्याय में भगवान गणेश ने राजा वरेण्य को कर्म के मर्म का उपदेश दिया।

तीसरे अध्याय में गणपति ने वरेण्य को अपने अवतार-धारण करने का रहस्य बताया।

चौथे अध्याय में योगाभ्यास तथा प्राणायाम से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं।

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पांचवें अध्याय में योगाभ्यास के अनुकूल-प्रतिकूल देश-काल-पात्र की चर्चा की गई है।

छठे अध्याय में भगवान गणेश ने सत्कर्म के प्रभाव के बारे में जानकारी दी है।

सातवें अध्याय में भक्तियोग का वर्णन किया गया है।

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आठवें अध्याय में भगवान गणेश ने राजा वरेण्य को अपने विराट रूप का दर्शन कराया।

नौवें अध्याय में क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ का ज्ञान तथा सत्व, रज, तम-तीनों गुणों का परिचय दिया गया है।

दसवें अध्याय में दैवी, आसुरी और राक्षसी-तीनों प्रकार की प्रकृतियों के लक्षण बतलाए गए हैं।

अंतिम ग्यारहवें अध्याय में कायिक, वाचिक तथा मानसिक भेद से तप के तीन प्रकार बताए गए हैं।

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