श्री कृष्ण ने क्या कहा ऐसा अश्वत्थामा हुआ शर्मिंदा

Samachar Jagat | Wednesday, 03 May 2017 10:52:56 AM
What has Shrikrushna said as such is Ashwatthama Sharmida

इन्टरनेट डेस्क। महाभारत सिर्फ युद्ध के लिए ही नहीं बल्कि उसके साथ कई रोचक प्रसंगों के लिए भी प्रसिद्ध है। अश्वत्थामा गुरू द्रोणाचार्य के पुत्र थे। अश्वत्थामा के लिए कहा जाता है कि जब वो रोते थे तो उनके मुख से घोड़े के हिनहिनाने की आवाज आती थी।

इसलिए उनका नाम अश्वत्थामा रखा गया। जन्म से ही अश्वत्थामा के मस्तक में एक अमूल्य मणि थी जो कि दैत्य, दानव, शस्त्र, व्याधि, देवता, नाग की मणि की तरह दिखाई देती थी।

एक बार वो द्वारिका पहुंचे तो श्री कृष्ण ने उनका आदर सत्कार किया। वहां पर कुछ दिन रूकने के बाद उन्होंने श्री कृष्ण से उनका सुदर्शन चक्र मांग लिया। जिसपर श्री कृष्ण ने उनको सबक सिखाने के लिए कहा कि मुझे कुछ नहीं चाहिए अगर आप से उठता है तो वो आपका हुआ। लेकिन वो टस से मस नहीं हुआ।

अश्वत्थामा के काफी प्रयास करने पर भी जब वह उसको उठा नहीं पाए तो भगवान ने उनकसे कहा कि अतिथि को अपनी सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। कभी भी उसे वह वस्तु नहीं मागनी चाहिए जिसका वो अधिकारी ना हो। अश्वत्थामा बहुत शर्मिंदा हुआ। वह बिना किसी शस्त्र-अस्त्र को लिए ही द्वारिका से चला गया।
 



 

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