इन्टरनेट डेस्क। हम सब जानते है कि मौत एक अटल सत्य हैं। चाहे वह इंसान हो या जानवर। जो इस धरती पर जन्म लेता है उसको एक ना एक दिन मरना अवश्य हैं। लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल उठता होगा कि आखिर मौत क्या है और इसका स्वरूप कैसा होगा।
किसी भी मनुष्य को इन सवालों का जवाब नहीं मिल पाता है और वह हर पल अपनी मौत से घबराता रहता है। लेकिन कुछ धार्मिक किताबों और पुराणों में मौत के लक्षण का वर्णन मिलता हैं। जिनकी वजह से मनुष्य को पता लग जाता है कि जल्द ही उसका मौत से सामना होने वाला हैं।
- व्यक्ति की मौत का समय समीप आने पर उसे बीती बातें याद आती हैं जिसमें उसने स्वयं की परछाई को तेल या पानी में देखने की कोशिश की होगी लेकिन उसे अपनी परछाई नहीं दिखाई दी होगी।
- जीवन में किए गए सारे अच्छे-बुरे कामों का घटनाक्रम एक-एक करके उसकी आंखों के सामने बारी-बारी घूमने लगता है।
- मृत्यु के समय उस व्यक्ति में अपने करीबियों को पहचानने की क्षमता नहीं रहती।
- पुराण में बताया गया है कि जब मृत्यु की घड़ी निकट आती है उस व्यक्ति को ऐसा आभास हो जाता है कि दो लोग उसके सिराहने खड़े हैं। वह यम के दूत होते हैं।