हिन्दुओं का प्रसिद्ध ग्रंथ है रामायण। भगवान राम और रामायण से हिन्दुओं की आस्था जुड़ी हुई है। लेकिन अक्सर मन में ये विचार आता है कि क्या वास्तव में रामायण में वर्णित घटनाएं सच्ची हैं। भगवान राम ने धरती पर जन्म लिया और रावण से युद्ध किया, इसमें कितनी सच्चाई है या रामायण मात्र एक काल्पनिक ग्रंथ है। इन सभी प्रश्नों का जवाब देते हैं रामायण काल के वो स्थान जो आज भी इसकी सच्चाई के गवाह बने हुए हैं। इन जगहों पर जाकर पता चलता है कि रामायण में लिखी गई सभी बातें सत्य हैं। ये स्थान रामायण की सत्यता को प्रमाणित करते हैं चलिए आपको बताते हैं इन स्थानों के बारे में .....
1. गुफा
रावण जब सीता का अपहरण करके श्रीलंका पहुंचा तो सबसे पहले सीता जी को इसी गुफा में रखा था। इस गुफा पर हुई नक्काशी इस बात का प्रमाण देती है।
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2. भगवान हनुमान के पद चिन्ह :-
जब हनुमान जी ने सीता जी को खोजने के लिए समुद्र पार किया था तो उन्होंने भव्य रूप धारण किया था। इसीलिए जब वो श्रीलंका पहुंचे तो उनके पैर के निशान वहां बन गए थे, जो आज भी वहां मौजूद हैं।
3. राम सेतु :-
रामायण और भगवान राम के होने का ये सबसे बड़ा सबूत है। समुद्र के ऊपर श्रीलंका तक बने इस सेतु के बारे में रामायण में लिखा है और इसकी खोज भी की जा चुकी है। ये सेतु पत्थरों से बना है और ये पत्थर पानी पर तैरते हैं।
4. द्रोणागिरी पर्वत :-
युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण को मेघनाथ ने मूर्छित कर दिया था और उनकी जान जा रही थी, तब हनुमान जी संजीवनी लेने द्रोणागिरी पर्वत गए थे। उन्हें संजीवनी की पहचान नहीं थी तो उन्होंने पूरा पर्वत ले जाने का निर्णय लिया। युद्ध के बाद उन्होंने द्रोणागिरी को यथास्थान पहुंचा दिया। उस पर्वत पर आज भी वो निशान मौजूद हैं जहां से हनुमान जी ने उसे तोड़ा था।
5. लेपाक्षी मंदिर :-
सीता हरण के बाद जब रावण उन्हें आकाश मार्ग से लंका ले जा रहा था तब उसे रोकने के लिए जटायू आए थे। रावण ने उनका वध कर दिया था। आकाश से जटायू इसी जगह गिरे थे। यहां एक मंदिर है जिसे लेपाक्षी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
6. रावण का महल :-
पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में एक महल मिला है जिसे रामायण काल का ही बताया जाता है। यहां से कई गुप्त रास्ते निकलते हैं जो उस शहर के मुख्य केंद्रो तक जाते हैं।
7. जानकी मंदिर :-
नेपाल के जनकपुर शहर में जानकी मंदिर है। रामायण के अनुसार सीता माता के पिता का नाम जनक था और इस शहर का नाम उन्हीं के नाम पर जनकपुर रखा गया था। साथ ही सीता माता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है और उसी नाम पर इस मंदिर का नाम जानकी मंदिर पड़ा है। यहां सीता माता के दर्शन के लिए हर रोज हजारां श्रद्धालु आते हैं।
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8. कोणेश्वरम मंदिर :-
रावण भगवान शिव की अराधना करता था और उसने भगवान शिव के लिए इस मंदिर की भी स्थापना करवाई। यह दुनिया का इकलौता मंदिर है जहां भगवान से ज़्यादा उनके भक्त रावण की आकृति बनी हुई है।
9. गर्म पानी के कुएं :-
रावण ने कोणेश्वरम मंदिर के पास गर्म पानी के कुएं बनवाए थे, जो आज भी वहां मौजूद हैं।
10. पंचवटी :-
नासिक के पास आज भी पंचवटी तपोवन है, जहां अयोध्या से वनवास काटने के लिए निकले भगवान राम, सीता माता और लक्ष्मण रुके थे। यहीं लक्ष्मण ने सूपनखा की नाक काटी थी।
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