जयपुर। शीतला माता को बासोडा पर ठंडे पकवानों का भोग लगाया गया। इस बीच जयपुर जिले के चाकसू के पास स्थित शीलकी गांव में शीतला माता के धाम पर मेला भरा है। जिसमें माता के दर्शनों के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। रविवार देर शाम तक घरों में गृहणियां पकवान बनाती रहीं। घरों से पकवानों की खुशबू पूरे वातावरण को महकाती रही।
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सोमवार सुबह जल्दी ही गली-मोहल्लों में स्थित शीतला माता के मंदिरों में गृहणियां कंडवारे चढ़ाती और माता को बासी पकवानों का भोग लगाती नजर आईं। माता को पुए, पकौड़ी, पापड़ी, पुड़ी और गुजिया का भोग लगाया गया। इसके अलावा मां शीतला को प्रिय बाजरे और मक्के की राबड़ी का भोग भी लगाया।
कुछ घरों में तो इस दिन पूरे दिन ही चुल्हा नहीं जलाया जाएगा। जबकि कई घरों में सुबह माता को भोग लगाने के बाद, चढ़े प्रसाद को ग्रहण करने के बाद ही चाय बनाई गई। गौरतलब है कि इस त्यौहार पर चुल्हा नहीं जलाने की परम्परा है। इस दिन सभी लोग बासी खाना खाते हैं। मां शीतला को संक्रामक रोगों की उद्दारक माना जाता है।
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शीलकी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ :-
जयपुर से करीब चालीस किमी दूर शीलकी गांव में माता का मंदिर है। यहां हर वर्ष शीतलाष्टमी पर मेला भरता है। इसमें जयपुर, दौसा और टोंक जिले के श्रद्धालु बड़ी संख्या में आकर दर्शन करते हैं तथा माता को बासी पकवानों का भोग लगाते हैं। आज भी शीतलाष्टमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शीलकी पहुंचे हैं।
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