जानिए कैसे? यज्ञ के प्रसाद से हुआ राम और उनके तीनों भाईयों का जन्म

Samachar Jagat | Monday, 21 Nov 2016 10:23:22 AM
Ram born story

भगवान राम और उनके तीनों भाईयों का जन्म कैसे हुआ, इसके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं। वैसे तो इस कहानी के बारे में सभी जानते हैं लेकिन इनके जन्म से जुड़ी कुछ खास बाते हैं जो शायद आप न जानते हों, आइए आपको बताते हैं राम जन्म कथा...

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अयोध्या के राजा दशरथ की बहुत उम्र हो चुकी थी लेकिन उनके संतान नहीं हुई थी। ऐसे में दशरथ को अपने वंश को आगे बढ़ाने की चिंता सता रही थी। उन्होंने पुत्र कामना के लिए अश्वमेध यज्ञ तथा पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराने का विचार किया। उनके एक मंत्री सुमंत्र ने उन्हें सलाह दी कि वह यह यज्ञ शृंगि ऋषि से करवाएं।

दशरथ के कुल गुरु ब्रह्मर्षि वशिष्ठ थे। वह उनके धर्म गुरु भी थे तथा धार्मिक मंत्री भी। उनके सारे धार्मिक अनुष्ठानों की अध्यक्षता करने का अधिकार केवल धर्म गुरु को ही था। अतः वशिष्ठ की आज्ञा लेकर दशरथ ने शृंगि ऋषि को यज्ञ की अध्यक्षता करने के लिए आमंत्रित किया।

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शृंगि ऋषि ने दोनों यज्ञ भलि भांति पूर्ण करवाए तथा पुत्रकामेष्टि यज्ञ के दौरान यज्ञ वेदि से एक आलौकिक यज्ञ पुरुष या प्रजापत्य पुरुष उत्पन्न हुआ तथा दशरथ को स्वर्णपात्र में नैवेद्य का प्रसाद प्रदान करके यह कहा कि अपनी पत्नियों को यह प्रसाद खिला कर वह पुत्र प्राप्ति कर सकते हैं। दशरथ इस बात से अति प्रसन्न हुए और उन्होंने अपनी पट्टरानी कौशल्या को उस प्रसाद का आधा भाग खिला दिया और आधा भाग कैकेयी को दिया।

दोनों रानियों ने मिलकर अपने हिस्से के भाग में से एक-एक भाग रानी सुमित्रा को दिया। इस प्रकार सुमित्रा को प्रसाद के दो हिस्से प्राप्त हुए। नौ माह पश्चात कौशल्या ने राम को, कैकेयी ने भरत को और सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुध्न को जन्म दिया। इस प्रकार इनका जन्म हुआ।

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