नारद को आया भगवान विष्णु पर गुस्सा और दे डाला श्राप

Samachar Jagat | Friday, 17 Mar 2017 07:00:01 AM
Narada cursed to Lord Vishnu

भगवान राम को चौदह वर्षों तक वन में रहना पड़ा। इसका मुख्य कारण कैकेयी की जिद को माना जाता है। जब रावण ने सीता का हरण कर लिया तो कुछ समय के लिए राम और सीता को एक-दूसरे से अलग रहना पड़ा । क्या आप जानते हैं राम और सीता को ये वियोग क्यों सहना पड़ा। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में....

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भगवान राम का जन्म रावण वध करने के उद्देश्य से हुआ था। अगर राम राजा बन जाते तो देवी सीता का हरण और इसके बाद रावण वध का उद्देश्य अधूरा रह जाता। इसलिए राम को वन जाना पड़ा। एक बार नारद मुनि के मन में एक सुंदर कन्या को देखकर विवाह की इच्छा जगी। नारद मुनि नारायण के पास पहुंचे और हरि जैसी छवि मांगी।

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हरि का मतलब विष्णु भी होता है और वानर भी। भगवान ने नारद को वानर मुख दे दिया। इस कारण से नारद मुनि का विवाह नहीं हो पाया। क्रोधित होकर नारद मुनि ने भगवान विष्णु को शाप दे दिया कि आपको देवी लक्ष्मी का वियोग सहना पड़ेगा और वानर की सहायता से ही आपका पुनः मिलन होगा। इस शाप के कारण राम-सीता को अलग होकर वियोग सहना पड़ा।

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