छठ पर्व को लेकर बहु सारी कथाऐं शास्त्रों में प्रचलित हैं, इनमें से एक कथा महाभारत काल में कुंती और द्रौपदी से भी जुड़ी हुई है। ये कथा इस प्रकार है.....
महाभारत काल में ये योद्धा करता था कार्तिक शुक्ल षष्ठी और सप्तमी के दिन सूर्य देव की विशेष पूजा
कुंती और छठ कथा :-
शास्त्रों के अनुसार, साधु की हत्या का प्रायश्चित करने के लिए जब महाराज पांडु अपनी पत्नी कुंती और मादरी के साथ वन में दिन गुजार रहे थे।
उन दिनों पुत्र प्राप्ति की इच्छा से महारानी कुंती ने सरस्वती नदी में सूर्य की पूजा की। पूजा से सूर्य देव प्रसन्न हुए और कुंती पुत्रवती हुईं। तभी से महिलाएं संतान सुख के लिए इस व्रत को करने लगीं।
चार दिनों तक इस विधि से करें छठ पूजा
द्रौपदी और छठ कथा :-
कुंती की पुत्रवधू और पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने उस समय सूर्य देव की पूजा की थी जब पांडव अपना सारा राजपाट खोकर वन में भटक रहे थे।
उन दिनों द्रौपदी ने अपने पतियों के स्वास्थ्य और राजपाट पुनः पाने के लिए सूर्य देव की पूजा की। जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया।
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