इन्टरनेट डेस्क। पुराणों में देवताओं और मनुष्य के लिए समय की अलग-अलग व्याख्या की गई है। जिस प्रकार से मनुष्य पलक झपकाते है। उसी प्रकार से देवता भी पलक झपकाते है। लेकिन देवताओं के पलक झपकानें पर समय अलग अलग होता है।
जब देवराज इंद्र पलक झपकाते है तो मनुष्य के 100 वर्ष पूर्ण हो जाते है। जब ब्रह्मा जी पलक झपकाते हैं, तो इंद्र के 100 साल पूर्ण हो जाते है और जब विष्णु जी एक बार पलक झपकाते हैं, तो ब्रह्मा जी के 100 साल पूर्ण हो जाते है।
उसी प्रकार से जब भगवान शिव एक बार पलक झपकाते हैं, तो विष्णु जी के 100 साल होते हैं। और जब देवी पलक झपकाती हैं, तो भगवान शिव के 100 साल होते हैं।
कहने का मतलब है कि देवताओं और मनुष्य के समय में काफी अंतर होता है। जब हम किसी कार्य को करने में पलक झपकाना भूल जाते है। तो हमको समय का ज्ञान नहीं रहता है। लेकिन जब हम बोर होते है तो एक-एक पल काटना मुश्किल हो जाता है।