सवाईमाधोपुर। बच्चों को विरासत में धन नहीं, संस्कार देने चाहिए। संस्कारित बच्चे तो सम्पदा स्वयं जोड़ लेंगे और कुसंस्कारित बच्चे जुड़ी सम्पदा को भी मिटा देंगे। उक्त उद्गार मुनि पुंगव सुधा सागर जी महाराज ने सवाईमाधोपुर में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए।
मुनिश्री ने कहा कि आज समाज को जाग्रत होने की आवश्यकता है। बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाते समय हमें यह सोचने की आवश्यकता है कि वहां हमारे बच्चे शाकाहारी रहेंगे या नहीं। जिन स्कूलों में अभक्ष्य पदार्थों को शाकाहारी नाम देकर खिलाया जा रहा है ऐसे स्कूलों में हमें बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहिए।
मुनिश्री ने कहा कि जैन समाज को अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए समाज के कॉन्वेंट स्कूल संचालित करने चाहिए। जिससे बच्चों में संस्कार बने रहे और वह अपने जीवन में अभक्ष्य पदार्थो का भक्षण न करें। जब हमारा बच्चा संस्कारित होगा तो आने वाली पीढ़ी भी संस्कारित होगी। संस्कारित बच्चा ही संस्कारित समाज व देश का निर्माण करेगा।