जानिए क्यों किया जाता है भीष्म पंचक व्रत

Samachar Jagat | Friday, 11 Nov 2016 03:12:41 PM
Here is why quintet Bhishma vow

कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक के पांच दिनों में व्रत को भीष्म पंचक कहा जाता है। कार्तिक स्नान करने वाली स्त्रियां और पुरुष इस व्रत को करते हैं। दरअसल महाभारत का युद्ध समाप्त होने पर जिस समय भीष्म पितामह सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा में शरशैया पर शयन कर रहे थे तब भगवान कृष्ण पांचों पांडवों को साथ लेकर उनके पास गए थे।

क्यों किया जाता है देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह

अवसर देख युधिष्ठर ने भीष्म से उपदेश देने का आग्रह किया। भीष्म ने पांच दिनों तक राजधर्म, वर्णधर्म, मोक्षधर्म आदि पर उपदेश दिया था। उनके उपदेश सुनकर श्रीकृष्ण संतुष्ट हुए और बोले, पितामह! आपने शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिनों में जो धर्ममय उपदेश दिया है उससे मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई है।

संतान प्राप्ति के लिए घर की छत पर लगाएं सतरंगी पताका

मैं इसकी स्मृति में आपके नाम पर भीष्म पंचक व्रत स्थापित करता हूं। जो श्रद्धालु इसे करेंगे वे जीवनभर विविध सुख भोगकर अंत में मोक्ष प्राप्त करेंगे।

इन ख़बरों पर भी डालें एक नजर :-

श्रीमद्भागवत पुराण में कलियुग के बारे में की गई है ये भविष्यवाणी

देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य होंगे शुरू

जानिए! कैसे एक तोते के श्राप के कारण माता सीता को गर्भावस्था में सहना पड़ा श्री राम का वियोग



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.