हिंदूधर्म में शक्तिपीठ का सीधा संबध देवी सती से लगाया जाता है। जिसे लेकर हिंदूधर्म ग्रंथो में भिन्न वर्णन देखने को मिलता है। देवी सती के शक्ति पीठो को लेकर कोई एक मत नही रहा है। पीठो की संख्या को लेकर हमेशा से अलग अलग वर्णन देखे गए है।
आपको बता दें कि जिन जिन स्थानो पर देवी सती के अंग, वस्त्र, आभूषण गिरे उन्हीं स्थानो पर शक्तिपीठ की स्थापना हुई। हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार देवी सती के 51 शक्तिपीठ बताए गए है। लेकिन इन 51 शक्तिपीठो में से 4 शक्तिपीठ ऐसे है जिनके अस्तित्व के बारे में कोई नही जानता है। वे आज भी रहस्य बने हुए है। तो आइए एक नजर डालते है देवी सती के इन शक्तिपीठ के बारे में जिनके बारे में नही जानता कोई।
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रत्नावली शक्ति पीठ :-
इस शक्तिपीठ को लेकर कहा जाता है कि यहां देवी मां का कंधा गिरा था। मान्यतानुसार यह अंग मद्रास के आसपास स्थित जगहो पर गिरा है। लेकिन सही जगह किसी को नही पता।
कालमाधव शक्ति पीठ :-
कहा जाता है कि यहां देवी सती कालमाधव और शिव असितानंद नाम से विराजित हैं। यहां मां सती का बाएं कूल्हे गिरे थे। इस स्थान को अभी तक कोई नही खोज पाया।
लंका शक्ति पीठ :-
शास्त्रो में इस पीठ का उल्लेख मिलता है। इस जगह देवी सती का आभूषण गिरा था। लेकिन इस जगह का अभी तक सही स्थिति नही पता चली है।
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पंचसागर शक्तिपीठ :-
कहा जाता है यहां देवी सती का निचला जबड़ा गिरा था। यहां पर देवी सती को वरही कहा गया है। शास्त्रों में इस शक्तिपीठ का उल्लेख मिलता है। लेकिन इस स्थान को लेकर अभी तक किसी तरह का कोई उल्लेख नहीं मिला है। यह स्थान कहा है इस बारे में फिलहाल एक रहस्य बना हुआ है।
(Source - Google)
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