इस मंदिर में घी चढ़ाकर किया जाता है माता को प्रसन्न

Samachar Jagat | Saturday, 18 Mar 2017 07:18:03 AM
ghee festival of rupaal village gandhinagar

गुजरात के गांधीनगर जिले के रुपाल गांव वरदायिनी माता का मंदिर है, इस मंदिर में घी चढ़ाकर माता को प्रसन्न किया जाता है। यहां सबसे पहले घी किसने चढ़ाया, कैसे हुई इस परंपरा की शुरूआत इसके बारे में एक पौराणिक कथा प्रचलित है। ये कथा इस प्रकार है
महाभारत काल में जब पांडवों को अंतिम एक वर्ष का अज्ञातवास बिताना था तब उन्हें यह चिंता हुई की वे अपने अस्त्र-शस्त्र कहां छुपाएंगे। तब उन्होंने घी का अर्पण करके मां वरदायिनी देवी को प्रसन्न किया और अभीष्ट वरदान प्राप्त किया।

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तब से पांडवों ने यह निश्चय किया की वे हर नवरात्रि की आखिरी रात को मां वरदायिनी देवी की रथ यात्रा निकालकर उन्हें घी चढ़ाएंगे और उसी दिन से यह परंपरा आज भी चली आ रही है। इसी कारण हर साल इस गांव में वरदायिनी देवी की रथ यात्रा निकली जाती है और इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से करीब 10 लाख से भी ज्यादा लोग इस गांव में आते हैं।

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इस गांव में कुल 25 से भी अधिक चौराहे हैं और जब रथ उन चौराहों के पास से होकर गुजरता है तब लोग अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु उनकी पल्ली के ऊपर बाल्टियों एवं अन्य बर्तनों से घी चढ़ाते हैं। जब यह घी ज़मीन पर गिरता है तब कोई भी पशु इसे अपने मुंह से नहीं लगाता है और न ही इस घी से किसी के कपड़े खराब होते हैं। ज़मीन पर पड़े इस घी को यहां के एक ख़ास परिवार के लोग ही उठाते हैं और साल भर इस्तेमाल के लिए अपने पास रखते हैं।

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