यहां होती है गांधारी, कर्ण, दुर्योधन और शकुनी की पूजा

Samachar Jagat | Sunday, 22 Jan 2017 04:58:02 PM
Gandhari Karna Duryodhana worship

महाभारत के प्रमुख पात्र कृष्ण को भगवान मानकर तो लोग उनकी पूजा करते ही हैं इसके साथ ही महाभारत के कुछ और पात्र ऐसे हैं जिनकी पूजा की जाती है। यहां तक की इनके मंदिर की स्थापना भी की गई है। हम आपको यहां ऐसे ही मंदिरों के बारे में बता रहे हैं जहां राम, कृष्ण की नहीं बल्कि गांधारी, कर्ण, दुर्योधन, शकुनी की पूजा होती है। चलिए आपको बताते हैं इन मंदिरों के बारे में.....

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कर्ण का मंदिर :-

कर्ण के इस मंदिर में लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां आने वाले की हर मुराद पूरी हो जाती है। कर्ण का यह मंदिर उत्तराखंड के देवरा में स्थित है। जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो लोग यहां सिक्के फेंकते हैं।

गांधारी का मंदिर :-

गांधारी कौरवों की माता थी, मैसूर में गांधारी का मंदिर स्थित है। 2008 में इस मंदिर की स्थापना की गई थी। एक रिपोर्ट अनुसार, इस मंदिर का निर्माण करने में करीब 2.5 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।

दुर्योधन का मंदिर :-

दुर्योधन की पूजा के लिए केरल के कोल्लम में मलानादा नाम का मंदिर बहुत ही प्रसिद्व है। यह शकुनी मंदिर के पास ही स्थित है। इस मंदिर में ताड़ी चढ़ाई जाती है। इसके अलावा लाल कपड़े और सुपारी भी लोग चढ़ाते हैं।

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शकुनी का मंदिर :-

केरल के कोल्लम जिले में शकुनी का मंदिर है जो की दुर्योधन के मंदिर के पास ही स्थित है। इस मंदिर में एक पत्थर है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे शकुनी ने खुद इस्तेमाल किया था।

भीष्म का मंदिर :-

भीष्म का मंदिर इलाहाबाद में है। जहां उन्हें तीरों के ऊपर सोते हुए दिखाया गया है। यह भारत में भीष्म का इकलौता मंदिर है।

(Source - Google)

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