किन कारणों से नहीं करनें चाहिए भगवान गणेश जी की पीठ के दर्शन

Samachar Jagat | Wednesday, 26 Oct 2016 09:00:02 AM
For what reasons should not see the back of Lord Ganesha

हर मांगलिक कार्यों में सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले पूजे जानें वाले भगवानों में से एक है श्री गणेश। इनकी कृपा मात्र से ही व्यक्ति के सारे कष्टों का हरण हो जाता है। इनके दर्शन मात्र से ही मन को शांति का अनुभव होता है। लेकिन उनके दर्शन के पीछे भी एक रहस्य छिपा है। जी हां कहा जाता है कि गणेश जी की पीठ के दर्शन नहीं करनें चाहिए। इसके पिछे का कारण हम आपको बताते है।

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क्योंकि उनके शरीर पर जीवन और ब्रंह्राण्ड से संबधित अंगों का निवास होता है। इसी में से एक है पीठ। जिसे  दरिद्रता का वास माना जाता है। कहा जाता है कि इनके उनकी सूंड पर धर्म विधमान है। वहीं उनकी कानों पर ऋचांए, दांए हाथ पर वर विराजित है तो बाएं हाथ पर अन्न। पेट पर सृमध्दि विराजित है तो नाभि पर संपूर्ण ब्रह्हांण्ड समाहित है। आंखो में लक्ष्य। पैरो में सातो लोक और मस्तक में ब्रह्हलोक विधमान है। इसलिए गणेशजी के सामने से दर्शन करनें पर सारे सुखो से व्यक्ति तृप्त हो जाता है।  

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गणेशजी को रिध्दि-सिध्दि के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में इनकी पीठ पर दरिद्रता का वास माना जाता है। इसलिए यदि व्यक्ति धनवान भी हो और वह इनकी पीठ के दर्शन कर ले तो उसके घर पर दरिद्रता का आगमन होनें लगता है। इसलिए गणेश जी की पीठ के दर्शन करना वर्जित माना गया है।



 

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