अजमेर: सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 805वें सालाना उर्स की मजहबी रसूमात चांद दिखने के साथ 28 मार्च या 29 मार्च से शुरू हो जाएगी। उर्श की सदारत ख्वाजा साहब के वंशज एवं सज्जादानशीन दीवान सैय्यद जैनूल आबेद्दीन अली खान साहब परम्परागत रूप से करेंगे। इसके बाद ही उर्स की औपचारिक शुरूआत मानी जाएगी।
दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सज्जादानशीन दरगाह दीवान साहब के सचिव सैय्यद अलाउद्दीन अलीमी आरिफ ने 805 वें उर्स का कार्यक्रम जारी करते हुए बताया कि 28 मार्च या 29 मार्च को चाँद दिखने के बाद दरगाह स्थित महफिल खाने में उर्स की पहली महफिल होगी। महफिल खाने में आयोजित यह रस्म उर्स में होने वाली प्रमुख धार्मिक रस्मों में से एक प्रमुख रस्म हैं।