एक अप्रेल ने ए वित्तीय वर्ष के साथ ही रेलवे की विकल्प योजना पर अमल शुरू हो गया है। वेटिंग टिकट वाले रिजर्वेशन की सुविधा देने वाली यह योजना जहां आम आदमी को राहत देगी, वहीं स्वास्थ्य और वाहन बीमा की प्रीमियम दर बढ़ने से उसकी जेब पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ेगा। यही नहीं एक अप्रेल से एसबीआई के खातों में न्यूनतम जमा राशि रखना अनिवार्य हो गया है। इसके अलावा छोटी-अल्पबचत योजनाओं पर ब्याज में कमी कर दी गई है।
रेलवे में विकल्प योजना से सफर सुहाना बनेगा। रेलवे की ‘विकल्प’ योजना के तहत वेटिंग लिस्ट में शामिल कुछ यात्रियों के तहत वेटिंग लिस्ट में शामिल कुछ यात्रियों को उसी रूट पर चलने वाली दूसरी ट्रेनों में खाली पड़ी बर्थ आवंटित की जाएगी। अभी सिर्फ ई-टिकट पर लागू होगी, यह सुविधा यात्रियों को टिकट बुक कराते समय ‘विकल्प’ का ऑप्शन चुनना होगा। पुराने टिकट से ही सफर होगा संभव।
मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का टिकट बुक कराने वाले यात्री इन दोनों श्रेणियों के अलावा राजधानी-शताब्दी जैसी ट्रेनों की यात्रा के भी पात्र होंगे। किराए में अंतर पर रेलवे न तो यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूलेगा, नहीं उन्हें पैसे रिफंड करेगा। वैकल्पिक ट्रेन में बर्थ मिलने पर मूल ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। यात्रियों को मूल ट्रेन (जिसमें रिजर्वेशन करवाया था) के छूटने के समय के 12 घंटे के भीतर वाली ट्रेनों में रिजर्वेशन मिलेगा। बोर्डिग स्टेशन बदलने की नियम लागू होगा। एक अप्रेल से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) खाते में न्यूनतम राशि रखना अनिवार्य होगा। बैंक की मेट्रो सिटी शाखा में 5 हजार रुपए न्यूनतम रखना अनिवार्य होगा।
बड़े शहरों में तीन हजार रुपए, छोटे शहरों में 2 हजार रुपए और गांवों में 1000 रुपए रखना अनिवार्य हो गया है। एक अप्रेल से एसबीआई के खाते में 3 बार निशुल्क जमा होंगे पैसे। इसके बाद डिपोजिट पर 50 रुपए का शुल्क लगेगा। न्यूनतम जमा राशि न रखने पर 20 से 100 रुपए जुर्माना लगेगा। करंट अकाउंट में यह राशि 500 रुपए तक हो सकती है। हर तीन महीने पर 15 रुपए एसएमएस शुल्क लिया जाएगा।
एटीएम से पांच ट्रांजेक्शन मुफ्त, इसके बाद हर बार 10 रुपए शुल्क बचत खाते में 25 हजार रुपए से ज्यादा होने पर कोई भी नियम लागू नहीं होगा। यही नही एक अप्रेल 2017 से 31 मार्च 2018 तक 2 लाख रुपए तक का ही नकद लेन-देन कर पाएंगे। सीमा से अधिक लेन-देन पर नकद लेने वाले व्यक्ति से 100 फीसदी जुर्माना वसूलने का प्रावधान लागू हो गया है। एक अप्रेल से वाहन और स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम बढ़ गया है। 1000 से 1500 सीसी क्षमता वाले वाहनों पर थर्ड पार्टी बीमा का प्रीमियम मौजूदा 2237 रुपए से बढक़र 3335 रुपए के करीब हो गया है। 1500 सीसी से अधिक क्षमता वाले वाहनों के लिए यह राशि मौजूदा 6164 रुपए से बढक़र 9246 हो गई है।
75 से 150 सीसी इंजन वाले दो पहिया वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा का प्रीमियम 619 रुपए से बढक़र 720 रुवए तो 150 से 300 सीसी इंजन वाले वाहनों के लिए 693 रुपए बढक़र 978 रुपए हो गया है। बीमा एजेंटों को दिए जाने वाले कमीशन के साथ-साथ थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की प्रीमियम दर बढ़ गई। वाहन स्वास्थ्य बीमा महंगा हो गया है।
इसके साथ ही पेमेंट ऑफ कमीशन और रिनमरेशन और रिवार्ड टू इंशोरेंस एजेंट्स एंड इंश्योरेंस इंटरमीडिएटटीज अधिनियम लागू हो गया है। वेतनभोगी तबके के लिए एक अप्रेल से रिटर्न भरना और ज्यादा ‘सहज’ हो गया है। आईटीआर-1 फार्म सहज नए वित्त वर्ष पहली तारीख से उपलब्ध होने लगा है। इस फार्म में कुछ बिंदुओं को हटाकर छोटा किया गया है और यह सिर्फ एक पेज का है। इसे भरना आयकरदाताओं के लिए बेहद आसान होगा।