इंजीनियरिंग, प्रबंधन, होटल मैनेजमेंट जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए अब अलग-अलग प्रवेश परीक्षा देने की जरूरत नहीं रह जाएगी। सिर्फ एक प्रवेश परीक्षा के जरिए छात्रों को मनपसंद पाठ्यक्रम चुनने का विकल्प मिलेगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए प्रस्तावित एकल प्रवेश परीक्षा को व्यापक रूप देने की तैयारी में है।
मंत्रालय ने एकल प्रवेश परीक्षा का जो मसौदा हाल ही में जारी किया है, उसके अनुसार एकल परीक्षा के जरिए इंजीनियरिंग में ही नहीं बल्कि सभी पेशेवर कोर्स में प्रवेश हो सकेगा। मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) इसे अंतिम रूप देने में लगे हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन अनिल डी. सहस्त्रबुद्धे ने कहा है कि एकल प्रवेश परीक्षा के जरिए सभी पेशेवर कोर्स में दाखिले के मुद्दे पर विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। विभिन्न पक्षों से चर्चा की जा रही है और जल्द ही इस प्रवेश परीक्षा का स्वरूप तय कर लिया जाएगा।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार एक ही प्रवेश परीक्षा से फायदा यह है कि इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा दे रहे छात्रों को दूसरे कोर्स चुनने का विकल्प मिल जाएगा। प्रस्तावित एकल परीक्षा के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनाने का भी प्रस्ताव है। सरकार 2018 से इसे शुरू करने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। सिर्फ राज्यों की सहमति लेनी बाकी है। प्रस्तावित एकल प्रवेश परीक्षा के मसौदे के अनुसार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानी एआईसीटीई के अधीन आने वाले सभी पेशेवर कॉलेजों में प्रवेश हो सकेगा।
किसी भी पेशेवर कोर्स में दाखिले के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं से नहीं गुजरना पड़ेगा। नहीं हर प्रवेश परीक्षा के लिए पंजीकरण कराना होगा। इस परीक्षा से इंजीनियरिंग के अलावा प्रबंधन, फार्मेसी, होटल मैनेजमेंट आदि पेशेवर कोर्स में प्रवेश लिया जा सकेगा। इसके लिए जो प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है, उसके अनुसार एकल परीक्षा साल में कई बार होगी।
परीक्षा में कुछ प्रश्न पत्र एक जैसे होंगे, जबकि कुछ में विषयों का अंतर होगा। यदि कोई फार्मेसी में दाखिले का इच्छुक है तो उसे बायोलॉजी से भी प्रश्न पूछे जाएंगे। इंजीनियरिंग की कुछ शाखाओं में भी बायोलॉजी की जरूरत होती है। कुल मिलाकर इससे छात्रों को कई मुश्किलों छुटकारा मिलेगा। अलग-अलग परीक्षा और पंजीकरण नहीं कराना होगा। विचार तो अच्छे हैं किंतु नतीजे इसे लागू करने के बाद ही सामने आ सकेंगे।ड्ड