केंद्र सरकार शिक्षकों की भर्ती के लिए एक नई एजेंसी बनाने की तैयारी कर रही है। यह एजेंसी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अधीन बनाई जा सकती है। एजेंसी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के अलावा राज्यों के लिए भी शिक्षकों की भर्ती आदि का कार्य कर सकेगी। इस पर विचार चल रहा है। बेहतरीन शिक्षकों की तलाश के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग के साथ-साथ उकनी नियुक्ति प्रक्रिया में भी सुधार की कवायद चल रही है।
केंद्र ने राज्यों को शिक्षक भर्ती बोर्ड बनाने का कहा है। लेकिन ज्यादातर राज्यों ने इस दिशा में कुछ नहीं किया है। राजस्थान जैसे राज्यों में शिक्षकों की भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग के जरिए की जाती है। यही आयोग प्रशासनिक सेवाओं सहित अन्य सेवाओं के चयन का कार्य भी करता है। राज्यों के पास अलग से शिक्षक भर्ती बोर्ड नहीं है। यही नहीं केंद्र के पास भी शिक्षकों की भर्ती के लिए कोई एजेंसी या बोर्ड नहीं है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, कस्तूरबा विद्यालय आदि की संख्या बढ़ रही है। इनमें बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती होती है। लेकिन यह कार्य या तो ये संस्थान खुद करते हैं या अब इधर सीबीएसई से कराने लगी है। भर्ती का कार्य बढ़ रहा है और जटिल होता जा रहा है। ऐसे में इसे पेशेवर तरीके से अंजाम देने के लिए एक अलग एजेंसी बनाने की कवायद चल रही है।
केंद्रीय विद्यालयों में 11वीं और 12वीं में शारीरिक शिक्षा को एक ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। इसके लिए 900 पीजीटी शारीरिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इनकी भर्ती की भी प्रक्रिया तय की जानी है। दरअसल सीबीएसई शिक्षकों के लिए सीटैट परीक्षा का भी आयोजन करता है। केंद्रीय विद्यालयों के लिए शिक्षकों की भर्ती भी अभी सीबीएसई कर रही है।
सीबीएसई को विभिन्न भर्ती परीक्षाएं करने का भी अनुभव है। इसलिए इस सीबीएसई के भीतर ही यह एजेंसी गठित की जा सकती है। हालांकि, इसमें अभी अंतिम फैसला होना है। फिर भी शिक्षक भर्ती के लिए अनुभवी लोगों का बोर्ड बनाया जाना एक सही कदम होगा। मंत्रालय का कहना है कि यदि शिक्षक भर्ती एजेंसी बनती है तो यह एक पेशेवर एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। केंद्रीय संस्थानों के साथ-साथ यदि राज्य शिक्षा बोर्ड भी इस एजेंसी की सेवाएं ले सकेंगे। इस एजेंसी में शिक्षा जगत के पेशेवरों को रखा जाएगा। शिक्षा सुधार की दिशा में यह एक अच्छा कदम होगा।