मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) यानी भारतीय चिकित्सा परिषद ने नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए बेड (शैया) की संख्या घटाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। मंत्रालय ने एमसीआई को प्रस्ताव दिया था कि 200 बेड वाले अस्पताल को मेडिकल कॉलेज शुरू करने की इजाजत दे दी जाए। अभी 300 बेड का अस्पताल होने पर ही मेडिकल कॉलेज शुरू किया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय मेडिकल सीटें बढ़ाने की मुहिम में लगा हुआ है, लेकिन दिक्कत यह है कि शहरों में जगह की कमी के कारण बड़े अस्पताल खोलना मुश्किल है। इसके अलावा केंद्र ने जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना भी शुरू कर रखी है। जिला अस्पताल आमतौर पर 50-60 बिस्तरों के होते हैं, ऐसे में उन्हें रातोंरात 300 बेड का करना संभव नहीं हो रहा है। मंत्रालय चाहता है कि मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 300 बेड की अनिवार्यता को घटाकर 200 कर दिया जाए ताकि निजी क्षेत्र मेडिकल कॉलेज खोलने को आगे आए व जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज बनाने की राह भी आसान हो सके। पिछले दिनों हुई एमसीआई की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा गया, पर सहमति नहीं बनी।
एमसीआई का मानना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश पर चिकित्सा शिक्षा के नियम सरल बनाए गए हैं, पर नया मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए अस्पताल के आकार में एक तिहाई कमी करना संभव नहीं होगा। इससे चिकित्सा शिक्षा की गुणवता प्रभावित हो सकती है। एमसीआई ने स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश पर पूर्व में कई बदलाव किए हैं। मसलन पीजी सीटें बढ़ाने के लिए छात्र शिक्षक अनुपात में बदलाव। पहले एक प्रोफेसर पर दो पीजी छात्र हो सकते थे, लेकिन छात्र संख्या बढ़ाकर तीन कर दी गई है।
लाभ के लिए मेडिकल कॉलेज खोलने की पहले अनुमति नहीं थी, लेकिन अब दे दी गई है। इससे कॉरपोरेट अस्पतालों के लिए भी मेडिकल कॉलेज खोलने का रास्ता साफ हो जाएगा। इसी प्रकार जमीन और कांफ्रेंस हॉल आदि के मामले में भी नियमों में छूट दी गई है। इधर स्वास्थ्य मंत्रालय डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए चिकित्सा शिक्षा के नियमों का सरलीकरण कर रहा है।
मौजूदा जरूरतों के अनुसार मेडिकल की सीटें सालाना एक लाख से ऊपर किए जाने की जरूरत है। पर मुश्किल से यह 60 हजार के करीब पहुंच पा रही है, लेकिन एमसीआई एवं स्वास्थ्य मंत्रालय में हर मुद्दे पर आम राय नहीं बन पा रही है। इधर खबर आई है कि राजस्थान में प्रस्तावित आठ नए मेडिकल कॉलेजों के इस साल शुरू होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। एमसीआई की टीम ने नए मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण के दौरान इनके मापदंडों पर खरा नहीं उतरने की रिपोर्ट देते हुए वर्ष 2017-18 में इन्हें शुरू करने के प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है।
यह मेडिकल कॉलेज पाली, चूरू, सीकर, डूंगरपुर, बाड़मेर, भरतपुर, अलवर में खुलने हैं। इन कॉलेजों के निर्माण का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है। एमसीआई की टीम ने मापदंड पूरे नहीं होने पर फिलहाल इन कॉलेजों में व्याप्त कमियों को पूरा करने का कहा है। ऐसे में इन कॉलेजों को मान्यता देने का मामला अगले साल के लिए टाल दिया लगता है। राज्य सरकार ने इन कमियों की पूर्ति करने का कहा है।