राजस्थान में उपभोक्ता हितों के संरक्षण एवं जन जागृति हेतु अभिनव पहल

Samachar Jagat | Saturday, 18 Mar 2017 12:12:10 PM
Innovative initiative for conservation of consumer interests and public awareness in Rajasthan

उपभोक्ताओं का शोषण लम्बे समय से हो रहा है। तभी से उपभोक्ता आन्दोलन का क्रम शुरू हुआ है। अन्तर्राष्ट्रीय उपभोक्ता आन्दोलन का प्रणेता अमेरिका है। सर्वप्रथम अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने 15 मार्च, 1962 को उपभोक्ताओं के अधिकार संबंधी विधेयक को अमरीकी कांग्रेस के समक्ष पेशकर उपभोक्ता आन्दोलन का बीज बोया था। 10 वर्ष पश्चात् 1972 में अन्तर्राष्ट्रीय उपभोक्ता संघ ने 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस के रूप में स्वीकार किया। 21 वर्षों के पश्चात 15 मार्च, 1983 को प्रथम बार विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया गया।

तभी से हर वर्ष 15 मार्च को सभी देशों में विश्व उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। कैनेडी ने उपभोक्ताओं के तीन अधिकारों सुरक्षा, सूचना तथा चयन के अधिकार रक्षा के लिए संकल्प किया। वर्तमान में उपभोक्ताओं के ये अधिकार हैं- सुरक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, चयन का अधिकार, सुनवाई का अधिकार, क्षतिपूर्ति का अधिकार और उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।

उपभोक्ता के संरक्षण का शुभारम्भ भारत से ही हुआ है। प्राचीन भारत में उपभोक्ताओं के शोषण से मुक्त करने के लिए अनेक प्रावधान थे। मनुस्मृति में माप तौल में कमी, मिलावट आदि अपराधी प्रवृत्ति के लिए दण्ड का प्रावधान था। भारत के आधुनिक इतिहास में समय-समय पर उपभोक्ताओं के शोषण के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण कानून पारित किए गए हैं।

इसमें संविदा कानून 1872, वस्तुविक्रय अधिनियम 1930, प्रसाधान अधिनियम 1940, औषधि नियंत्रण अधिनियम 1950, भारत मानक अधिनियम 1952, खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, एकाधिकाररात्मक एवं प्रतिबन्धात्मक व्यापारिक व्यवहार अधिनियम 1969, काला बाजार नियंत्रण अधिनियम 1980 प्रमुख है।

बदलती अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता संरक्षण के प्रयास और भी जरूरी होते जा रहे है और उपभोक्ता आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाकर ही इसका लाभ अवाम तक पहुँचाया जा सकता है। उपभोक्ता की जागरूकता सफल प्रजातंत्र की पहली शर्त है और अपने अधिकारों के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था का जागरूक एंव संगठित होना जरूरी है। उपभोक्ता कानूनों का लाभ उन लोगों तक नहीं पहुचं सका है, जिन्हें इस कानून की सबसे अधिक जरूरत है।

मिलावट, जमाखोरी एवं कालाबाजारी देश की तीन प्रमुख समस्यायें है। उपभोक्ता चेतना मंच जयपुर आगामी तीस वर्षों के लिए विद्यार्थियों, गृहणियों, युवाओं एवं ग्रामीण व्यक्तियों को जनजागरण के माध्यम से उपभोक्ता सजगता के प्रति अलख जगाकर मिलावट रोकथाम, जमाखोरी एव कालाबाजारी प्रवृत्तियां पर नियंत्रण करेगा।

उपभोक्ता चेतना मंच शिक्षा, प्रक्षिशण एवं शोध केन्द्र राजस्थान द्वारा उपभोक्ता कौशल विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। यह कार्यक्रम ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आम नागरिकों, महिलाओं एवं युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए बनाया गया है। राजस्थान के विभिन्न जिलों में उपभोक्ता जनजागृति एवं प्रशिक्षण शिविरों द्वारा उपभोक्ता कौशल विकास कार्यक्रम लगातार जारी है।

उपभोक्ता खरीददारी में कैसे बचें गड़बड़ी से-

महत्वपूर्ण बिन्दु :-
1.    आवश्यकता के अनुरूप ही वस्तुएं क्रय करें।
2.    भ्रामक विज्ञापनों से बचें, खरीद से पहले विज्ञापनों की सत्यता की जांच करें।
3.    अनुचित व्यापारिक व्यवहार के प्रति सावचेत रहें।
4.    विक्रय मूल्य केवल वस्तु पर छपे मूल्य के आधार पर न देकर पहले बाजार में कीमतों से तुलना करें।
5.    मिलावटी संभावना वाली वस्तुओं की खरीददारी में विशेष सतर्कता बरतें।
6.    डिब्बा या पैंकिंग सामग्री कावजन तौल में सम्मिलित न होने दें।
7.    वस्तु को पैक करते समय तक स्वयं निगरानी रखे कि कहीं वस्तु बदल तो नहीं दी गई है।
8.    गारंटी  एवं वारंटी शर्तों को चाहे वे कितनी ही बारीक क्यों न हो पूरा पढ़े।
9.    डिब्बा बंद वस्तुओं की खरीद के प्राथमिकता दें और खुली वस्तुएँ कम से कम खरीदें।
10.   खरीदते वक्त वस्तुओ के  लेबल पर लिखी सूचना, वजन, निर्माता का नाम आदि अवश्य पढ़ें।
11.   कम कीमत के लालच में जान बुझकर सड़ागला या कटा-फटा सामान न खरीदें।
12.   सहकारी बाजार से वस्तुएं खरीदने को प्राथमिकता दें।
13.   खरीदे गये सामान का बिल या कैश मीमों प्राप्त करें।
14.   कैश मीमों पर पूरा विवरण, वस्तु का नाम, मार्का, बैचनं., वजन, तिथि अंकित करावे।
15.   माल या सेवाओं की क्वालिटी, मात्रा, शुद्धता आदि के बारेंमें खुलकर पूछताछ करें।

उपभोक्ता चेतना मंच शिक्षा, प्रशिक्षण एवं शोध केन्द्र राजस्थान द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 24 दिसम्बर, 2015 को www.cafraj.org नामक वेबसाईड का लोकार्पण किया गया है। जिसमें जहाँ भी आपने रूपये के बदले वस्तुएँ या सेवाएँ क्रय की है जिनमें सभी प्रकार के घरेलू उत्पाद, खाद्य उत्पाद, इलेक्ट्रोनिक उत्पाद, सौदर्य प्रसाधन, वस्त्र आदि शामिल है। आप मिलावट कम माप-तोल, रसोई गैस पट्रोलियम एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित शिकायते वेबसाईड पर दर्ज करा सकते है।

उपभोक्ता संरक्षण एवं जनजागृति के लिए सघन अभियान गॉवों में चलाये जाने चाहिये साथ ही साथ मिलावट को रोकने के लिए सुदृढ़ नियंत्रण व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है। कम माप-तोल को रोकने के लिए सरकार माप-तोल विभाग को उपभोक्ता विभाग में विलय कर दिया है। खाद्य विशलेषक की नियुक्ति कर मिलावट की समस्या से निदान मिल सकता है। उपभोक्ता की सजगता एवं जागरूकता से स्वस्थ एवं सुरक्षित राजस्थान का निर्माण हो सकता है।

 



 

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