सरकार और संगठन में बदलाव के आसार

Samachar Jagat | Thursday, 16 Mar 2017 04:28:46 PM
Government and organization change

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे आने और चार राज्यों में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब पार्टी 2019 के चुनावों की रणनीति बनानी शुरू करेगी। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा की अभूतपूर्व जीत के बाद भी पार्टी केंद्र में बने एक दर्जन से ज्यादा मंत्रियों और 70 सांसदों के कामकाज का आकलन करेगी और बजट सत्र के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में छोटा फेरबदल भी किए जाने की संभावना है।

 फेरबदल में राज्य से आने वाले मंत्रियों की संख्या भले ही घटे, लेकिन कुछ चेहरे बदले जा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद में उनके अलावा उत्तर प्रदेश से 15 मंत्री शामिल हैं। इनमें पांच कैबिनेट मंत्री, दो राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व सात राज्यमंत्री हैं। अनुप्रिया पटेल को छोडक़र सभी मंत्री भाजपा से ही है। इनमें केवल मनोहर पर्रिकर ही बाहरी है, जिनको पार्टी ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा मेें भेजा है। 

वैसे भी पर्रिकर को अब केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाकर गोवा में मुख्यमंत्री बनाने का पार्टी के संसदीय बोर्ड ने फैसला किया है। ऐसी स्थिति में पर्रिकर के स्थान पर केंद्र में रक्षामंत्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निर्णय लेना है। चुनावों से पहले भाजपा ने लोकसभा में उत्तर प्रदेश से चुनकर आने वाले मंत्रियों और सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में कम से कम तीन सीटें जीतने का लक्ष्य दिया था। राज्य के 80 लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा के 71 सांसद हैं। यह लक्ष्य भी भाजपा को स्पष्ट बहुमत दिलाने के हिसाब से तय किया गया था। 

चूंकि अब भाजपा को उत्तर प्रदेश में स्पष्ट बहुमत मिल गया है, बल्कि उसे दो तिहाई से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हुई है। विगत लोकसभा चुनाव जो कि 2014 में हुए थे भाजपा को नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर मिली विजय में 333 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल हुई थी। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने किसी को भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाया और अपने सकारात्मक मुद्दों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे और केंद्र सरकार के कामकाज को आगे रखा है। 

चुनाव प्रचार के बीच-बीच पार्टी अध्यक्ष अमित शाह विभिन्न सांसदों से संपर्क कर उनको उनके क्षेत्र के बारे में सचेत करते रहे और निर्देश भी देते रहे हैं। अब उनके कामकाज का आकलन किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ ही भाजपा संगठन में कई बड़े बदलाव की संभावना है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की टीम में उत्तर प्रदेश व बिहार के बजाए आने वाले राज्यों के चुनावों के मद्देनजर हिमालच प्रदेश, कर्नाटक व गुजरात के नेताओं को जगह मिल सकती है। महिला मोर्चा में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ सचिवों में बदलाव होने की संभावना है।

 शाह ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के चुनावों से पहले नई नियुक्तियां की थी। उनमें फिलहाल बदलाव होने की संभावना नहीं है, लेकिन कुछ नई रिक्तियां होने की संभावना व खाली पड़े पदों के लिए नए चेहरों की तलाश शुरू हो गई है। नई नियुक्तियों में आने वाले राज्यों के चुनावों का ध्यान रखा जाएगा। सूत्रों के अनुसार कर्नाटक की तेज तर्रार महिला नेता सांसद शोभा करदंलाजे, हिमाचल प्रदेश से सांसद अनुराग ठाकुर व गुजरात के सांसद सीआर पाटिल को संगठन में भूमिका दी जा सकती है। 

शोभा करंदलाजे को महिला मोर्चा का अध्यक्ष या सचिव बनाए जाने की चर्चा है। राज्य सरकार में मंत्री रह चुकी करंदलाजे पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की करीबी मानी जाती है। अनुराग ठाकुर लंबे समय तक युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं। हिमाचल में पार्टी के मुख्यमंत्री रहे शांता कुमार व प्रेम कुमार धूमल के बाद की पीढ़ी को आगे लाना चाह रही है। इस लिहाज से उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। गुजरात में भी साल के आखिर में चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का गृह राज्य होने से वहां से किसी ओर के संगठन में होन या न होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। हालांकि सांसद सीआर पाटिल को संगठन में लिए जाने की चर्चा है।



 

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