सफलता को लेकर हमेशा से ही हर कहीं चर्चा, बहस, वाद-विवाद, व्याख्यान, सेमीनार और अन्य प्रकार के कार्यक्रम होते आ रहे हैं, लेकिन स्थिति वैसी की वैसी बनी हुई है।
आज भी हर व्यक्ति और हर युवा की आंखों में सफलता को लेकर जिज्ञासा के सपने तैरते नजर आ रहे हैं, आज देखो वही युवा व्यग्र है, आशंकित है और मन-मस्तिष्क में असंख्य प्रश्नों का गुब्बार भरा हुआ है। लेकिन सच इसके ठीक विपरीत है, सच अलग है, मेरी दृष्टि में हर व्यक्ति-हर युवा सफल है, सक्षम है, योग्य है और योग्याताएं दिखाई नहीं देती हैं और वह अपने से कम योग्य, कम सक्षम और कम पढ़े-लिखे व्यक्ति को सफल मानकर अपनी योग्यता के साथ धोखा करता है, खिलवाड़ करता है क्योंकि उसकी नजर खुद की तरफ जाती ही नहीं है, बस यही दुर्भाग्य है उसका।
जब किसी व्यक्ति को सच में उसकी सफलताओं का आइना दिखाया जाए तो वह स्वयं इन सबके लिए हैरान रह जाएगा।
क्या दिनचर्या को निर्धारित करना सफलता नहीं है, क्या समय की परवाह करना सफलता नहीं है, क्या जल्दी उठना सफलता नहीं है, क्या किसी को प्रणाम करना सफलता नहीं है, क्या किसी को सम्मान देना सफलता नहीं है, क्या योग-कसरत करना, सफलता नहीं है, क्या मातृभाषा सीखना-बोलना सफलता नहीं है, क्या कक्षा में उत्तीर्ण होना, संस्कारवान होना सफलता नहीं है, क्या ड्राइविंग सीख जाना सफलता की श्रेणी में वहीं आता है, क्या प्रतियोगी परीक्षा में उत्तीर्ण होना सफलता नहीं है।
क्या कोई छोटे स्तर पर बिजनेस शुरू करना सफलता नहीं है, क्या किसी पद पर, कर्तव्यनिष्ठता से काम करना सफलता नहीं है, क्या घर की व्यवस्था को संभालना सफलता नहीं है, क्या सबके साथ अच्छे से रहना सफलता नहीं है, क्या रिश्तों की कद्र करना सफलता की श्रेणी में नहीं आता है, क्या किसी की सहायता करना सफलता नहीं है, क्या कम्प्यूटर सहित समस्त टेक्नोलॉजी का सदुपयोग करना सफलता नहीं है, क्या कुछ कुछ रोज नया सीखना सफलता नहीं है और क्या प्रकृति को बचाना सफलता नहीं है? हां, ये सब सफलताओं की श्रेणी में आते हैं।
इन सबसे मिलकर जीवन समग्र रूप से सफलता की ओर जाता है क्योंकि सफलता का सार्थक अर्थ होता है कि समग्र जीवन आनंद और प्रेम से भरा होना, सहयोग और करुण से भरा होना, दान और ज्ञान से भरा होना, सेवा और संस्कार से भरा होना न कि केवल पद और पैसों से भरे होना। आइए, अपनी सफलताओं को पहचानें-माने और ठाने कि मैं दुनिया का सबसे सफल इंसान हूं।
प्रेरणा बिन्दु:-
संकट कटना तय बात है
संकट आना आम बात है
सफलताएं असंख्य होंगी
अभी तो केवल सुप्रभात है।