ई-भुगतान तीन दिन में तीन गुना बढ़ा

Samachar Jagat | Thursday, 17 Nov 2016 04:53:41 PM
E-payment has tripled in three days

देश में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद होने के बाद तीन दिन के आंकड़े इकट्ठे किए जाने पर यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि देश में नकदी रहित यानी ई-भुगतान औसतन तीन गुना बढ़ा है। हालांकि पहले दिन इसमें दो हजार फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। पेटीएम, फ्रीचार्ज और ओला मनी के साथ बैंकों के ई-वॉलेंट में इस मौके को भुनाने की होड़ लग गई है।

 खुदरा दुकानों पर पेटीएम आगे है। पहले दो दिनों में पेटीएम से भुगतान की रफ्तार सात गुना बढ़ी है और इससे खुदरा दुकानदारों (ऑफ लाइन) को भुगतान में 10 गुना इजाफा हुआ है। इस वॉलेंट में लोगों ने तीस फीसदी अधिक नकदी भरी है। हालांकि गुरुवार को बैंक खुलने के बाद इससे लेन देन की वृद्धि घटकर तीन गुना रह गई। इस अवधि में इसके एप डाउनलोड करने में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। 

इसके संस्थापक और मुख्य कार्यकारी का कहना है कि पहली बार मोबाइल वॉलेंट आम आदमी के हाथ में पहुंचा है। पेटीएम ने इस मौके को भुनाते हुए शुक्रवार को ‘नियर बाय’ सुविधा की शुरुआत की है। दुकानों और खुदरा आउटलेट्स के पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनलों पर रूपे कार्ड के इस्तेमाल में दो गुना तेजी आई है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को कहा कि 9 और 10 नवंबर को पीओएस या ई-कॉमर्स के लिए आठ लाख लेन देन में रूपे का इस्तेमाल किया गया। 

जबकि वैसे इसका दैनिक औसत चार लाख रहता था। ई-वॉलेट कंपनी मोबीक्विक के मुताबिक उसके एप में राशि डालने की रफ्तार दो हजार फीसदी तक बढ़ी है। जबकि एप डाउनलोड इस अवधि में 40 फीसदी बढ़ा है और इसका उपयोग 200 फीसदी बढ़ा है। इसी तरह ओला मनी के रिचार्ज में 15,00 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। मोबाइल वॉलेट और बैंक ऑनलाइन भुगतान या खरीददारी पर 10 फीसदी तक कैश बैंक देते हैं। 

आयकर विभाग ने कहा है कि केशबैक को उपभोक्ताओं की आय में जोडक़र देखा जाएगा और उसी के हिसाब से टेक्स वसूला जाएगा। देश में मोबाइल भुगतान की संख्या पिछले वित्त वर्ष के तीन अरब से बढक़र वर्ष 2022 तक 90 फीसदी सालाना की दर से बढ़ते हुए 153 अरब पर पहुंच जाएगी। उद्योग संगठन एसोचैम ने आरएनसी ओएस के साथ मिलकर किए गए अध्ययन में कहा गया कि इस दौरान मोबाइल भुगतान में कीमत के आधार पर भी सालाना 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। चिल्लर और छोटे नोटों की जिस तरह से किल्लत बढ़ती जा रही है, उसके मद्देनजर निकट भविष्य में नकदी रहित यानी ई-भुगतान का प्रचलन निरंतर बढ़ते रहने की संभावना है।



 

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