दुनिया में धनवान लोगों की कमी नहीं है, दुनिया में धनी कंपनियों और संस्थाओं की कमी नहीं है, दुनिया में खूब लाभ कमाने वाले उद्योगों की कमी नहीं है, दुनिया में अमीर देशों की भी कमी नहीं है, यौं कहें कि दुनिया प्रचुरता से भरी है, यह सबके लिए सकारात्मक पहलू है लेकिन यह भी सच है कि दुनिया का अधिकांश धन, दुनिया की अधिकांश सम्पति, दुनिया का अधिकांश जेवर और दुनिया की अधिकांश चीजों पर कुछ लोगों का ही आधिपत्य है, ऐसे में जीवन यापन के लिए आवश्यक चीजों का आम लोगों के पास अभाव हो जाता है अर्थात् गरीब-अमीर की खाई बहुत ही गहरी हो चुकी है और इस खाई को पाटने के लिए एक सशक्त माध्यम है जिसे वस्तु दान कहा जाता है।
वस्तु दान से अभिप्राय है कि जीवन को संचालित करने के लिए, जीवन को बचाने के लिए और जीवन को बनाने के लिए जिन चीजों की किसी व्यक्ति के पास, किसी परिवार के पास, किसी संस्था या फिर किसी देश के पास कमी है तो जिस भी व्यक्ति या एजेंसी के पास कोई भी चीज अधिक है, उसके किसी काम की नहीं है तो फिर उसे जरूरतमंद को देना है।
अधिकांश लोगों के पास ऐसी बहुत सी चीजें होती है, जो उसके किसी भी काम की नहीं होती है, ऐसी वस्तुएं केवल जगह घेरे रहती है और निगेटिव ऊर्जा का सृजन करती रहती है।
यदि कोई इन चीजों के बारे में थोड़ा भी सोचे कि इनसे किसी के जीवन में उन्नति हो सकती है, किसी का जीवन सुधर सकता है, किसी का जीवन बच सकता है किसी का जीवन बन सकता है तो फिर दुनिया से दरिद्रता, अभाव, विवशता और भुखमरी गायब हो सकती है। हर घर वस्तुओं से, चीजों से भरा पड़ा है, चीजें सड़ रही हैं, घर सड़ रहा है लेकिन किसी जरूरतमंद को देने का मन संस्थाओं सहित जरूरतमंद लोग और बच्चे नग्न घूम रहे हैं और कचरे में भाग्य तलाश रहे हैं। आइए, किसी प्राकृतिक आपदा का इंतजार नहीं करें-मदद करने के लिए आपके हाथ हर वक्त तैयार हैं, याद रखिए, जो आनंद देने में आता है जो सुकून किसी की मदद करने में आता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है।
प्रेरणा बिन्दु:-
धन ने ठीक से रहने नहीं दिया
मन ने ठीक से करने नहीं दिया
यह तन भरा है हजारों दर्दों से
मैंने ही मुझको जीने नहीं दिया।