तूने भेजा जिस मानव को
उसने भी खूब काम किया
लेकिन अपनी नाकामी पर
तुझको ही बदनाम किया
मानव जीवन कोई छोटा-मोटा जीवन नहीं है यह विशाल और दुनिया की मसाल है, और यह मसाल परम शक्ति के विश्वास से जलती है, निज व्यक्ति के विश्वास से जलती है। परम शक्ति तो परम शक्ति होती है, वह अखण्ड है, अब यह अलग बात है कि उसका बंदा उसे खण्ड रूप में देखे।
यहां व्यक्ति चाहे किसी भी माध्यम से उस परम शक्ति को याद करें, उस पर विश्वास करे, उसको माने, उसकी पूजा-आराधना करे, लेकिन यह बात सत्य है कि उसकी भावना, उसके विचार और उसके कर्म उस परम शक्ति तक अवश्य ही पहुंचते हैं, इसमें कहीं कोई किन्तु-परन्तु नहीं है। इसके साथ ही यह भी सत्य है कि उस परम शक्ति पर विश्वास जरूर करें, अंधविश्वास नहीं। किसी के कहने से किसी का अहित करना, गलत काम करना, ओछे काम करना, अंधविश्वासों और अपनी नाकामियों-कमजोरियों की श्रेणी में आते हैं।
परम शक्ति पर विश्वास से सीधा तात्पर्य है अपने जीवन को शुद्ध-सात्विक रखना, अपनी क्षमताओं और योग्यताओं पर विश्वास करना, नेक काम करना, सर्वहित में काम करना, मानव जीवन के दायित्वों को निभाना, एक-एक पल का सदुपयोग करना, संकटों से कभी हार नहीं मानना और अपने जीवन को हरदम-हर पल साफ-सुथरा रखना और अनेक न सही कम से कम एक ऐसा कोई विशेष महान सद्कर्म जरूर करें जिससे कि हर व्यक्ति उससे न केवल लाभान्वित हो बल्कि प्रेरित भी हो और वह काम न केवल वर्तमान पीढ़ी को ही प्रेरित करे, बल्कि आने वाली सदियों को भी प्रभावित और प्रेरित करे।
ऐसा तभी संभव है जब व्यक्ति चरम शक्ति पर विश्वास के साथ-साथ निज शक्ति पर भी बेहद विश्वास करे और खास करे। ऐसे में परम शक्ति हमारे जीवन का आधार बनती है, जिससे जीवन की नैय्या पार होती है। आइए, उस परम शक्ति को नमन करें और अपना सम्पूर्ण जीवन उसको समर्पित कर, धन्य हो जाए क्योंकि ऐसे संकल्प और विश्वास से आपका जीवन बहुत अच्छाइयों की ओर जाएगा।
प्रेरणा बिन्दु:-
तेरे पर्वत तेरे झरने
तूने जंगल उगाए हैं
तेरी इस धरती पर तूने
मंगल फूल खिलाए हैं।