इन्टरनेट डेस्क। दुनिया में विभिन्न वर्ग के लोग रहते है। हर किसी के अपने कुछ रीति-रिवाज और पंरपराएं होती है। खासकर रीति-रिवाज शादी और उत्सवों में ही सामने आते हैं। शादी वाले दिन सबका ध्यान दूल्हा-दुल्हन पर ही होता है। उसको क्या करना चाहिए और कैसे करना चाहिए आदि।
ऐसी ही एक अनोखी परम्परा है लोह-पीटा बंजारों में। इस घुमंतू जनजाति के लोग फेरों और विदाई के दौरान दूल्हा-दुल्हन का पैर जमीन पर नहीं रख दे इसलिए दूल्हा-दुल्हन के रिश्तेदार ही नहीं बल्कि वधू के माता-पिता भी अपनी हथेलियां दोनों के रास्ते में बिछा देते हैं।
ताकि उनके पांव नीचे न लगें। हथेलियां जब तक बिछी रहती है जब तक दूल्हा-दुल्हन गाड़ी में बैठ जाते हैं तो सब अपनी हथेलियां उठाते हैं।