जयपुर। राजस्थान राजनीती के शिखर पर आसीन महिला और समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत राजस्थान की मुख़्यमंत्री वसुंधरा राजे आज अपना 64 वाँ जन्मदिन मना रही है। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन जन्मी वसुंधरा आज प्रदेश ही नही बल्कि देश की राजनीती का एक बड़ा महिला चेहरा है। उनके महिला सशक्तिकरण के लिए किये गए कार्य सदैव ही अनुकरणीय है।
समचार जगत परिवार उन्हें उनके जन्मदिन की बधाईयां देते हुए आज आपको राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री के जीवन से जुड़े कुछ बाते और इस लौह महिला की उपलब्धियों से अवगत कराने जा रहे है।
ग्वालियर राजघराने में 8 मार्च 1953 को मुम्बई में जन्मी मुख़्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया बेशक ही चांदी का चम्मच मुंह में लेकर पैदा हुई हों लेकिन उन्होंने अपने कठिन परिश्रम से इस चांदी के चम्मच को सोने की प्याली में बदला है और वह आज दूसरी बार राजस्थान की मुख्यमंत्री होने के साथ ही, प्रदेश की सबसे लोकप्रिय जन नेता हैं और प्रदेश भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा हैं। तो आइये जानते है राजस्थान की यशयस्वी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बारे में....
अपने माता–पिता, महाराज जीवाजी और विजायाराजे जी की चार संतानों में से तीसरे नम्बर की संतान माननीय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की स्कूली शिक्षा कोडाईनाल के प्रेजेन्टेशन कॉन्वेन्ट स्कूल मुम्बई से हुई। मुम्बई विश्विद्यालय के सोफिया कॉलेज से अर्थशास्त्र और राजनीती विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
माननीय वसुंधरा राजे के राजस्थान राज्य के साथ मधुर सम्बंध उनकी शादी के बाद प्रगाढ़ हुए। उनका विवाह राजस्थान के धौलपुर में पूर्व शाही गया। वसुन्धरा जी का राजनीति में पदार्पण सन् 1984 में हुआ। वह 1985 में धौलपुर से विधानसभा सदस्य चुनी गयी। इसके बाद माननीय वसुंधरा राजे ने दिनों-दिन राजनीती में राजनीती में नए कीर्तिमान स्थापित किये और यह राजस्थान की पहली मुख्यमंत्री बनी।
राजमाता विजय राजे सिंधिया को वे अपना राजनीतिक गुरु मानती है। उन्होंने राजनीति की सभी शिक्षा राजमाता से ही ली थी। राजमाता के बताये पथ पर सेवा भाव के साथ राजनीती को व्यवसाय न मानकर यह महिला शक्ति राजनीती जगत में नित्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है।
11 मई और 13 मई 1998 को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पोकरण में परमाणु परिक्षण किया था। जिसके बाद अंतराष्ट्रीय समुदाय ने भारत पर बहुत से प्रतिबन्ध लगा दिए थे। उस समय माननीय वसुंधरा राजे भारत सरकार में विदेश राज्य मंत्री थी। प्रतिबंध लगाने के बाद माननीय वसुंधरा राजे ने अंतराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत का पक्ष बड़ी मजबूती और साहस के साथ रखा। इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बहुत जल्द ही सारे प्रतिबंधों को वापस ले लिया। जिससे यह महिला अंतराष्ट्रीय पटल पर एक बहुमुखी प्रतिभा के रूप में उभरी। उनके नेतृत्व क्षमता और प्रखर वक्ता के रूप में भारत के लिए किये गए इन कार्यो की सभी नेताओं सराहना की।
मुख्यमंत्री ने सदैव अपनी सफलता को भगवान के प्रति अपनी गहरी आस्था को दिया। राजे सदैव अपने आप को मिलने वाली शक्ति का श्रेय परम पिता परमेश्वर को देती हैं। मध्य प्रदेश के दतिया ज़िले में पीताम्बरा पीठ के आश्रम में उनकी गहरी आस्था है और हर वर्ष वे वहां जाती है। यहीं से उन्होंने अपनी 24 साल की उम्र में गुरु दीक्षा ली थी।
वसुंधरा राजे सिंधिया को जनता के लिए सेवाभाव परिवार से विरासत में ही प्राप्त हुआ। उनके इस सेवा भाव और जन कल्याण के लिए हमेशा उपलब्ध रहने की वजह से राजस्थान और राजे को एक दूसरे का पर्याय समझा जाने लगा है। इसी के चलते आज पूरे देश भर में इन्हे राजे का राजस्थान अथवा राजस्थान की राजे के नाम से भी पुकारा जाता है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने जनता को समर्पित अनेकों योजनाओं की पहल की है। इन योजनाओ में सरकार आपके द्वार, अन्नपूर्णा रसाई योजना, यूथ स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम समेत कई योजनाए शामिल हैं। इनके द्वारा युवाओं के लिए शुरू की गयी कौशल विकास विवि जैसे कार्यक्रम पूरे देश के लिए एक नजीर पेश करते है।
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की सराहना तो देश ही नही बल्कि विदेशो में भी की गयी हैं। राजस्थान की यह महिला मुख्यमंत्री जनता के बीच सहज और सौम्य व्यवहार के चलते बहुत ही लोकप्रिय है। इनकी लोकप्रियता के चलते ही भाजपा ने विधान सभा चुनाव ने 162 और लोकसभा चुनाव में पूरी 25 सेट जीत कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
राजस्थान में धन जुटाने के लिए वसुंधरा राजे ने रिसर्जेंट राजस्थान जैसे बड़ी बिजनैस मीट कराई जिसके तहत प्रदेश में लाखों-करोड़ों का निवेश हुआ। गत वर्ष उन्होंने किसानों के लिए ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (GRAM) जैसे बड़े आयोजन करा यह साबित कर दिया कि उनकी तमाम योजनाएं जनता को समर्पित हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा : महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री की भामाशाह योजना पूरे देश में एक मिशाल है। इस योजना का उद्देश्य वित्तीय समावेश, महिला सशक्तिकरण और प्रभावी सेवा वितरण है। बैंक खाता और भामाशाह कार्ड को घर की महिला के नाम पर बनाया गया। जो कि महिलाओ को परिवार के लिए निर्णय निर्माता बनने की शक्ति देता है। राजे 2007 में यूएनओ से महिला सशक्तिकरण के लिए वीमेन टूगेदर अवार्ड से भी सम्मानित हो चुकी है।
राजस्थान की तरक्की के लिए सदैव अथक प्रयास करने वाली मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा रिसर्जेंट राजस्थान प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर है। रिसर्जेंट राजस्थान से द्वारा तीन लाख तीस हजार करोड़ रूपये का निवेश राजस्थान में लाकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास के लिए एक अहम् भूमिका अदा की है। तुरन्त और सटीक निर्णय लेने की खूबी के चलते 'आयरन लेडी' के नाम से पुकारी जाने वाली इस महिला शक्ति को महिला दिवस और इनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित
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samacharjagat.com के लिए ब्यूरो रिपोर्टः नरेंद्र बंसी भारद्वाज