मूल रूप से अफ्रीका में रहने वाला पक्षी शुतुरमुर्ग करीब 25 हजार साल पहले भारत आया था।
कई भूविज्ञानियों और पुरातत्वविदों को भारत में विशेषकर राजस्थान और मध्य प्रदेश में शुतुरमुर्ग के अंडे के छिलके मिले। यहां सेल्यूलर और आणविक जीवविज्ञान केन्द्र सीसीएमबी, हैदराबाद में हाल ही में अंडों के छिलकों के जीवाश्म का डीएनए अध्ययन किया गया।
सीसीएमबी के वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक कुमारसामी थंगाराज ने कहा, ''हमने अपने प्राचीन डीएनए सुविधा केन्द्र में शुतुरमुर्ग के अंडे के छिलकों का सफलतापूर्वक विश्लेषण किया और यह पता चला कि भारत में पाए अंडे के छिलके आनुवंशिक रूप से अफ्रीकी शुतुरमुर्ग की तरह हैं।"
थंगाराज ने कहा, ''शुतुरमुर्ग के अंडे के छिलकों का काल पता करने के लिए अपनाई गई कार्बन डेटिंग विधि से यह पता चला कि ये कम से कम 25,000 साल पुराने हैं।"
सीसीएमबी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की और अन्य वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से यह शोध किया है। यह शोध विज्ञान पत्रिका 'प्लोस वन' के नौ मार्च 2017 के अंक में प्रकाशित हुआ है।