खिलते हुए कमल जैसा है मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

Samachar Jagat | Monday, 03 Oct 2016 07:10:02 AM
Mother Nature is like the lotus blooming Brahmacharini

नवदुर्गा के दूसरे स्वरूप में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, आदिशक्ति दुर्गा का द्वितीय स्वरूप साधको को अनंत शक्ति देने वाला है। मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने से जीवन के मुश्किल समय में भी साधक का मन कर्तव्य निष्ठा से परिपूर्ण और अविचलित रहता है। मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप परम खिलते हुए कमल जैसा है जिसमें से प्रकाश निकल रहा है परम ज्योर्तिमय है, ये शांत और निमग्न होकर तप में विलीन हैं।

नवरात्र में नौ दिनों तक माता को ये विशेष भोग करें अर्पित

इनके मुखमंडल पर कठोर तप के कारण अद्भुत तेज और कांति का ऐसा अनूठा संगम है जो तीनों लोको को उजागर करने में सक्षम है। मां ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में अक्षमाला है और बाएं हाथ में कमण्डल है। देवी ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्मत्व का स्वरूप हैं अर्थात ब्रह्मतेज का साकार स्वरूप हैं। इनके आज्ञा चक्र से तेज निकल रहा है जैसे की इनका तीसरा नेत्र हो।

ये गौरवर्णा है तथा इनके शरीर से हवन की अग्नि प्रज्वलित हो रही है। इन्होंने धवल रंग के वस्त्र धारण किए हुए हैं। मां ने कमल को अपना श्रृंगार बना लिया है, इनके कंगन, कड़े, हार, कुंडल तथा बाली आदि सभी जगह कमल जड़े हुए हैं । मां ब्रह्मचारिणी का ये स्वरुप माता पार्वती का वो चरित्र है जब उन्होंने शिव की साधना के लिए तप किया था ।

मां शैलपुत्री की पूजा के साथ शुरू हुए नवरात्र

पूजा के समय इस मंत्र का जाप अवश्य करें :-

या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2025 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.