जानिए, भारत की कुछ मान्यताओं के पीछे का इतिहास 

Samachar Jagat | Wednesday, 17 May 2017 02:47:02 PM
Know, history behind some of India's beliefs

इन्टरनेट डेस्क। हर देश की अलग-अलग मान्यताएं होती हैं। उसी तरह से भारत में भी कई मान्यताएं प्रचलित हैं। अब यह बातें वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित भी हो चुकी हैं। आधुनिकता के नाम पर लोग चाहे इन मान्यताओं को किसी काम का नहीं मानते हो। लेकिन आज भी इन मान्यताओं का उतने ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि किसी देश की मान्यताएं उस देश की समृद्धि और उसके इतिहास को दर्शाती हैं। 

नीम के पेड़ को क्यों नहीं काटते: अब इस मान्यता की वजह से लोग नीम का पेड़ नहीं काटते हैं। इससे फायदा ही होता है। नीम का पेड़ ऑक्सीजन ज्यादा निकालता है और कार्बन डाई ऑक्साइड सोखता है। इसके अलावा यह पेड़ आस-पास के कीटाणुओं को मारकर वहां का माहौल शुद्ध बनाता है। कम से कम मान्यता की वजह से आज भी माहौल शुद्ध तो हो ही रहा है। आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी परम्पराओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका आज भी उतना ही महत्व है, जितना प्राचीनकाल में हुआ करता था।

क्यों भरते हैं मांग: आपने देखा होगा हिन्दू धर्म में महिलाएं शादी के बाद सिंदूर से अपनी मांग भरती हैं, जबकि अन्य धर्मों में ऐसा नहीं होता है। हिन्दू धर्म में यह बहुत पहले से ही होता आ रहा है। मांग में सिंदूर भरने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और महिलाओं की यौन इच्छा बढ़ती है।

सूर्योदय से पहले उठने का कारण: पहले लोग सूर्योदय से पहले ही जग जाते थे। आज भी गांवों में रहने वाले लोग सूर्योदय से पहले जग जाते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहता है साथ ही शीतल वायु से मन शांत रहता है। जब व्यक्ति का मन शांत होता है तो वह कोई भी काम बेहतर तरीके से कर लेता है।

व्रत रखने का कारण: भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म में उपवास का बड़ा महत्व है। ऐसा माना जाता है कि उपवास रखने वाले लोग कट्टर धार्मिक होते हैं, जबकि उपवास रखने से आपका रक्तचाप नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही आपकी पाचनक्रिया भी सही रहती है।

मंदिर जाने की पीछे कारण: मंदिर जाने का मतलब यह नहीं है कि आप पक्के धार्मिक व्यक्ति ही हो। मंदिर जाने से आपका मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मक उर्जा की वृद्धि होती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि मंदिर में लगी हुई घंटियों की आवाज से आस-पास के सभी कीटाणु मर जाते हैं। इसके साथ ही हवन कुंड से निकलने वाले धुएं से भी विषाणु-कीटाणुओं का नाश हो जाता है।
 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.