भारत की ये कुछ परंपराएं है जो आपको हैरान कर देगी 

Samachar Jagat | Friday, 04 Nov 2016 10:45:15 AM
indian wired tradition

हमारा भारत भिन्न भिन्न परम्पराओं ,कल्चर और लोगो का देश है। जिसमे ऐसे ऐसे चीज़ों की मान्यता होती है जो कभी कभी आपको हैरान ही कर देती है। भारत में पौराणिक समय से अलग अलग परम्पराओं को निभाते आये है लोग।  लेकिन भारत की कुछ ऐसी भी परम्पराए है जिसके बारे में आप सुनेंगे तो हैरान ही रह जाएंगे। 

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-शिवलिंग दान करते है परिजनों की मृत्यु पर 
 
भारत में सबसे पुराने मठों में से एक वाराणसी का जंगमवाड़ी मठ है। इस मठ में एक विचित्र परंपरा चली आ रही है। इसके तहत परिजनों की मौत के बाद आत्मा की शांति के लिए लोग पिंडदान नहीं करते, बल्कि शिवलिंग दान करते हैं। अकाल मृत्यु होने पर आत्मा की शांति के लिए यहां शिवलिंग स्थापित किए जाते हैं। इस परंपरा 

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-खुद विधवा का जीवन जीती है महिलाये ,पति की लंबी उम्र के लिए 


 
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया और इससे सटे बिहार के कुछ इलाकों में गछवाह समुदाय की महिलाएं पति के होने के बावजूद भी विधवा की तरह जीवन जीती हैं। ऐसा वे 4 माह तक करती हैं। दरअसल, इस समुदाय के लोग ताड़ी के पेशे से जुड़े होते हैं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर 50 फीट ऊंचे पेड़ों से ताड़ी निकालने का 

 -भगवान को लौकी चढ़ाते है ,बच्चों की लंबी उम्र के लिए 
 
आपने भगवान को फूल या नारियल चढ़ाते देखा होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के रतनपुर में स्थित शाटन देवी मंदिर (बच्चों का मंदिर) से एक अनोखी परंपरा जुड़ी है। यहां देवी को लौकी चढ़ाई जाती है। लोग अपने बच्चों की तंदुरुस्ती के लिए यहां प्रार्थना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां लौकी चढ़ाता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी 

- शादी के लिए लाठियों से पिटे जाते है कुवांरे लड़के 


कुंवारे लड़के को लाठियों से पीटने का रिवाज़ निभाया जाता है राजस्थान के उदयपर में  इन्हें पीटने का काम सुहागन महिलाएं करती हैं। लड़के भी चुपचाप मार खाते हैं। अब इस परंपरा में विदेशी महिलाएं भी शामिल होती हैं। महिलाएं सज-संवर कर घरों से लाठियां लेकर निकलती हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन लड़कों की पिटाई होती है, अगले एक साल में उनकी शादी हो जाती है।

-ऐसा अन्धविश्वाश जिसमे कुत्ते से करते है लड़की की शादी 


 
इसे परंपरा ना कहकर कुरुति कहना सही होगा। झारखंड के कुछ हिस्सों में लोग लड़कियों की शादी कुत्तों से करवा देते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से ग्रहों की दशा बदल जाती है। साथ ही, भूत-प्रेत से छुटकारा मिल जाता है। हालांकि, ये शादी सांकेतिक होती हैं, लेकिन इसमें रीति-रिवाज़ का पूरा पालन किया जाता है। लोगों को शादी में आने का निमंत्रण दिया जाता है। 


-यहां पहाड़ बताता है ,लड़का होगा या लड़की 


 
झारखंड के बेड़ो प्रखंड के खुखरा गांव में अनोखी परंपरा पिछले 400 सालों से चली आ रही है। इस गांव में एक पहाड़ है जिस पर चांद की आकृति बनी हुई है। माना जाता है कि चांद की आकृति वाला ये पहाड़ गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग बता देता है। गर्भवती महिलाएं निश्चित दूरी से चांद की आकृति पर पत्थर फेंकती है। अगर पत्थर चांद के भीतर लगे तो ये संकेत है कि गर्भ में लड़का है। अगर बाहर लगे तो गर्भ में लड़की पल रही है। इस परंपरा पर गांव वालों का अटूट विश्वास है। उनके अनुसार, ये हमेशा सही होता है।

-बच्चे को मिटटी में दफनाते है मिटटी में 


 
गुलबर्ग के मोमिनपुर में लोग परंपरा के नाम पर अपने ही बच्चों को मिट्टी में दफना देते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि मिट्टी काफी पवित्र होती है, ऐसे में उसके अंदर जाने के बाद बच्चे की सभी मानसिक और शारीरिक तकलीफें दूर हो जाती हैं। इस रिवाज के तहत बच्चे को 6 घंटों तक मिट्टी के अंदर गले तक दबा दिया जाता 

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