हॉलीवुड की फिल्में अच्छे फिल्मांकन निर्देशन और अपने ग्राफिक्स के कारण पूरी दुनियाभर में मशहूर है। हॉलीवुड की फिल्में ना सिर्फ टेक्नॉलोजी का नायाब उदाहरण प्रस्तुत करती है बल्कि फिल्म में तैयार किए गए सैट के लिए भी खासी चर्चाओं का विषय बनती है। हॉलीवुड की सबसे नायाब पेशकश में से कही जाने वाली फिल्मों की सूची में पहले स्थान पर टाइटैनिक को रखे तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नही होगी। इस फिल्म ने ना सिर्फ 11 ऑस्कर अपने नाम किए है, बल्कि दर्शको के दिल में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है।
आपको बता दें कि फिल्म में आरएमएस टाइटेनिक जहाज के हादसे को हूबहू दिखाया गया है, जिसके चलते फिल्म को अलग अलग श्रेणियों में 11 ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था।
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यह फिल्म 90 के दशक की उन बेहतरीन फिल्मों में से एक थी जो अपने बजट से लेकर सैट तक, कहानी से लेकर फिल्मांकन तक सभी में चर्चाओं का विषय बनी रही। और खासी अच्छी प्रतिक्रिया भी प्राप्त की। इस फिल्म के बजट के बारे में चर्चा करे तो इस फिल्म का बजट लगभग 1360 करोड़ रुपए था, यानि उस समय में टाइटैनिक जहाज को बनाने की आई लागत से लगभग 50 प्रतिशत ज्यादा। यहीं नहीं केवल फिल्म के सेट को बनाने के लिए 200करोड़ रुपए के आसपास खर्च हुआ था।
एक नजर आरएमएस टाइटेनिक जहाज की घटना पर :-
टाइटैनिक जिस जहाज पर इस फिल्म का निर्माण किया गया था असल जिंदगीं में उसकी पहली यात्रा ही अंतिम यात्रा हुई। विशालकाय आईसबर्ग से टकराया था, ये टकराव इतना जर्बदस्त था कि इतने बड़े और विशालकाय जहाज को एक झटके में डूबा दिया। समुंद्री हादसो में ये हादसा अब तक का सबसे बड़ा हादसा माना जाता है, जिसमें जन और धन दोनो की हानि हुई। महज कुछ लोगो को ही इस हादसे में बचाया जा सका।टाईटैनिक के अवशेषो को ढ़ूढनें में करीब 75 सालो का समय लगा था। और 1985 में टाइटैनिक का मलबा खोज निकाला गया। आपको बता दें कि यह हादसा 14 अप्रैल 1912 को हुआ था, जिसमें करीब 1600 लोगो ने अपनी जानं गवाई थी।
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टाइटेनिक जहाज से जुड़ी कुछ बाते...
आपको जानकर हैरानी होगी कि टाइटैनिक पर सवार बहुत से लोग ऐसे भी थे जो इस जहाज का सफर नही करना चाहते थे। दरअसल टाइटैनिक की मालिक कंपनी व्हाइट स्टार लाइन ने अपने दो समुंद्री जहाजो की यात्रा कोयले की कमी के कारण रद्द कर दी थी और उसके यात्रियों को टाइटैनिक में शिफ्ट कर दिया गया था।
= टाइटैनिक में फर्स्ट क्लास में सफर करने के लिए आज से लगभग सौ साल पहले 4,350 डॉलर यानि करीब 2 लाख70,000 रुपए, चुकान पड़ते थे। वही सेंकड क्लास के लिए करीब 1,750 डॉलर यानि 1 लाख रुपए और थर्ड क्लास के लिए 30 डॉलर यानि करीब 2 हजार रुपए की कीमत देनी पड़ती थी। वर्तमान में अगर अंदाजा लगाया जाए तो आज के समय में लगभग 50 लाख रुपए खर्च कर इसमें सफऱ करने का मौका मिलता।
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= टाइटैनिक की मैक्सिमम स्पीड 43 किलोमीटर प्रतिघंटे थी।
= टाइटैनिक के निर्माण के दौरान 250 से ज्यादा लोगों को चोटें आई थी और दो लोग मारे भी गए थे।
= जहाज के 860 क्रू मेंबर्स मे से सिर्फ 23 महिलाएं थी।
= टाइटैनिक जहाज में केवल 13 नए शादी- शुदा जोड़े अपना हनीमून मनाने के लिए आए थे।
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इस हादसे पर जेम्स कैमरुन ने टाईटैनिक नाम से फिल्म बनाने का एक अहम फैसला लिया जो कि 1997 में पूरा भी किया। इस फिल्म को ना सिर्फ पूरी दुनियाभर में सराहा गया बल्कि कई रिकॉर्ड्स भी अपने नाम किए। आपको बता दे कि पहले फिल्म का नाम प्लैनेट आइस नाम रखा गया था जिसे बाद में बदला गया। कुछ ऐसे ही इस फिल्म से जुड़े किस्से है जो शायद ही किसी को पता है। तो एक नजर डालते है अनछुई बातो पर।
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= टाइटेनिक दुनिया का वो विशालकाय जहाज था जो उस समय किसी अजूबे से कम नहीं था। इस जहाज को याद करनें का एक ओर कारण दिया इसी जहाज के समाप्त होने के हादसे नें। जिसने इसकी पहली ही यात्रा को अंतिम रुप दे दिया। बेहतरीन ग्राफिक्स, अभिनय से इस फिल्म ने मानो जैसे उस पल को जीवित कर दिया हो जैसे टाइटेनिक के डूबने
= टाइटैनिक पर कई फिल्मो और डॉक्यूमेंट्रीज बनाई गई लेकिन 1997 में बनी टाइटैनिक फिल्म सबसे ज्यादा चर्चा में रही। जिसकी चर्चा आज भी की जाती है।
= टाइटैनिक फिल्म की मुख्य अभिनेत्री केट विंसलेट उन अभिनेत्रियों में से है, जिन्होंने फिल्म के पानी वाले दृश्य के दौरान वेटसूट नहीं पहन रखा था, नतीजतन उन्हें निमोनिया हो गया।
= टाईटैनिक पहली ऐसी फिल्म है जिसका वीडियो जारी किया गया था, जबकि यह अभी भी सिनेमाघरों में दिखाया जा रहा था।
= फिल्मांकन के बाद जहाज के अवशेष धातु के चूरे के रुप में बेच दिए गए थे।
= जहाज का बाहरी सेट का निर्माण मैक्सिको के कैलिफोर्निया में दक्षिणी रोसारिटो में एक टैंक में किया गया था।
= फिल्म में केंट का पानी वाला फिल्मी दृश्य महज 3 फिट गहरा था।
= जेम्स कैमरुन इस फिल्म में किसी भी गीत को शामिल नहीं करना चाह रहे थे।
= टाईटैनिक पहली ऐसी फिल्म थी जिसमें कैमरुन ने किसी भी न्यूक्लियर या परमाणु वेपंस का इस्तेमाल नही किया।
सोर्स -गूगल
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