रेगिस्तान की धुप कितनी चिलचिलाती होती है, ये हम सभी को पता है। की नंगे पाव अगर कोई इंसान खड़ा हो जाये तो छाले तो यु आ जाएंगी केवल 5 मिनट में। इसी वजह से रेगिस्तान में लोग बाहर निकलना पसंद नही करते। लेकिन रेगिस्तान की एक ऐसी जगह है ,जहाँ लोग बिना कपड़ो के रेट के अंदर गले तक दफनाए जाते है। आखिर क्यों आइये जानते है।
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दरअसल इस तरीके से यह इलाज किया जाता है, जिससे हड्डी संबंधी कोई भी बीमारी दूर हो जाती है।
बीमारी के अनुसार तीन से नौ दिनों तक बीमारी का इलाज किया जाता है।
इस इलाज में व्यक्ति को जब दिन में सबसे ज्यादा धूप होती है उस वक्त गले तक रेत में दबा दिया जाता है। उस वक्त मरीज नग्न होता है। साथ ही इलाज के दौरान उसे खुले आसमान के नीचे रहना होता है। करीब दस से पन्द्रह मिनट तक रेत में ही दबे रहने दिया जाता है आैर बाद में निकाल लिया जाता है।
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इलाज की खास बात ये है कि जब तक इलाज चलता है व्यक्ति को नहाने की इजाजत नहीं होती है। रेत पर बने छोटे से घरों में मरीजों को तय वक्त तक रहने दिया जाता है।
मिस्र के दकरूर पहाड़ी के पास सिवा नामक रेगिस्तान में इलाज के लिए बहुत से लोग पहुंचते हैं। करीब ढार्इ-तीन हजार में ये इलाज किया जाता है। हालांकि वैज्ञानिक कसौटी पर ये इलाज कितना कारगर है ये पता नहीं चल सका है, लेकिन लोग साल में दो बार ये इलाज लेने पहुंच ही जाते हैं।