आज के युग में माता-पिता अपने बच्चों को तकनीकि ज्ञान तो बहुत देते हैं लेकिन वे अपने बच्चों को धर्म से संबंधित शिक्षा देना भूल जाते हैं। इसी कारण बच्चे अच्छे पद पर पहुंचने के बाद भी अपने संस्कारों से कोसों दूर रहते हैं। कुछ बातें ऐसी हैं जिनके बारे में आज के समय में बच्चों को पता होना चाहिए। इन बातों को जानकर बच्चों को अच्छा जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है, इसके साथ ही वे अपने संस्कारों का पालन जीवनभर करते हैं। वहीं ये जानकारियां बच्चों को अपने धर्म से जोड़े रहती हैं। आइए आपको बताते हैं इनके बारे में.....
10 कर्तव्यः-
संध्यावंदन, व्रत, तीर्थ, उत्सव, दान, सेवा संस्कार, यज्ञ, वेदपाठ, धर्म प्रचार।
10 सिद्धांतः-
एको ब्रह्म द्वितियो नास्ति (एक ही ईश्वर है दूसरा नहीं), आत्मा अमर है, पुनर्जन्म होता है, मोक्ष ही जीवन का लक्ष्य है, कर्म का प्रभाव होता है, जिसमें से कुछ प्रारब्ध रूप में होते हैं इसीलिए कर्म ही भाग्य है, संस्कारबद्ध जीवन ही जीवन है, ब्रह्मांड अनित्य और परिवर्तनशील है, संध्यावंदन-ध्यान ही सत्य है, वेदपाठ और यज्ञकर्म ही धर्म है, दान ही पुण्य है।
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महत्वपूर्ण 10 कार्य : -
प्रायश्चित करना, उपनयन, दीक्षा देना-लेना, श्राद्धकर्म, बिना सिले सफेद वस्त्र पहनकर परिक्रमा करना, शौच और शुद्धि, जप-माला फेरना, व्रत रखना, दान-पुण्य करना, धूप, दीप या गुग्गल जलाना, कुलदेवता की पूजा।
10 उत्सव :-
नवसंवत्सर, मकर संक्रांति, वसंत पंचमी, पोंगल-ओणम, होली, दीपावली, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि और नवरात्रि।
10 पूजा :-
गंगा दशहरा, आंवला नवमी पूजा, वट सावित्री, दशामाता पूजा, शीतलाष्टमी, गोवर्धन पूजा, हरतालिका तीज, दुर्गा पूजा, भैरव पूजा और छठ पूजा। ये कुछ महत्वपूर्ण पूजाएं है जो हिन्दू करता है।
10 पवित्र पेय : -
चरणामृत, पंचामृत, पंचगव्य, सोमरस, अमृत, तुलसी रस, खीर, आंवला रस और नीम रस।
10 पूजा के फूल : -
आंकड़ा, गेंदा, पारिजात, चंपा, कमल, गुलाब, चमेली, गुड़हल, कनेर, और रजनीगंधा।
10 धार्मिक स्थल : -
12 ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ, 4 धाम, 7 पुरी, 7 नगरी, 4 मठ, आश्रम, 10 समाधि स्थल, 5 सरोवर, 10 पर्वत और 10 गुफाएं हैं।
10 महाविद्या :-
काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला।
10 धार्मिक सुगंध :-
गुग्गुल, चंदन, गुलाब, केसर, कर्पूर, अष्टगंथ, गुढ़-घी, समिधा, मेहंदी, चमेली।
10 यम-नियम :-
अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह, शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय और ईश्वर-प्रणिधान। ये 10 ऐसे यम और नियम है जिनके बारे में प्रत्येक हिन्दू को पता होना चाहिए।
10 बाल पुस्तकें : -
पंचतंत्र, हितोपदेश, जातक कथाएं, उपनिषद कथाएं, वेताल पच्चिसी, कथासरित्सागर, सिंहासन बत्तीसी, तेनालीराम, शुकसप्तति, बाल कहानी संग्रह। अपने बच्चों को ये पुस्तकें जरूर पढ़ाएं।
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10 ध्वनियां :-
घंटी, शंख, बांसुरी, वीणा, मंजीरा, करतल, बीन (पुंगी), ढोल, नगाड़ा और मृदंग।
10 दिशाएं :-
दिशाएं 10 होती हैं जिनके नाम और क्रम इस प्रकार हैं- उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर और अधो। एक मध्य दिशा भी होती है। इस तरह कुल मिलाकर 11 दिशाएं हुईं।
10 दिग्पाल : -
10 दिशाओं के 10 दिग्पाल अर्थात द्वारपाल होते हैं या देवता होते हैं। उर्ध्व के ब्रह्मा, ईशान के शिव व ईश, पूर्व के इंद्र, आग्नेय के अग्नि या वहि््र, दक्षिण के यम, नैऋत्य के नऋति, पश्चिम के वरुण, वायव्य के वायु और मारुत, उत्तर के कुबेर और अधो के अनंत।
10 देवीय आत्मा :-
कामधेनु गाय, गरुढ़, संपाति-जटायु, उच्चैःश्रवा अश्व, ऐरावत हाथी, शेषनाग-वासुकि, रीझ मानव, वानर मानव, येति, मकर।
10 देवीय वस्तुएं : -
कल्पवृक्ष, अक्षयपात्र, कर्ण के कवच कुंडल, दिव्य धनुष और तरकश, पारस मणि, अश्वत्थामा की मणि, स्यंमतक मणि, पांचजन्य शंख, कौस्तुभ मणि और संजीवनी बूटी।
(Source- Social Media)
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