नई दिल्ली। जाकिर नाइक खुद को कितना ही पाक साफ बताने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन उसका आतंकी चेहरा एक बार फिर दुनिया के सामने उभर कर आ गया है। खुलासा हुआ है कि जाकिर के इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन आईएसआईएस के आकाओं से संबंध थे। इतना ही नहीं, नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की ओर से आईएस के संदिग्ध आतंकी अनस को 80,000 रुपये बतौर स्कॉलरशिप दिया गया थी।
एनआईए की जांच में हुए इस खुलासे के बाद अब सरकार नाइक के खिलाफ ऐंटि टेरर लॉज के तहत जांच करवा सकती है। सूत्रों ने बताया, फंड्स उस समय अनस को ट्रांसफर किया गया जब वह आईएस जॉइन करने के मकसद से सीरिया जाने की फिराक में था। उसने आईआरएफ की वेबसाइट पर स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया था और मुंबई में उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। अनस को जनवरी में राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों का मानना है कि नाइक के लिए काम करने वाले लोग अनस की योजना से अंजान नहीं रहे होंगे बल्कि उनलोगों ने जानबूझकर स्कॉलरशिप के बहाने उसे आर्थिक मदद दी होगी।
इससे पता चलता है कि आईआरएफ और आईएस के भर्तीकर्ताओं के बीच सीधा संबंध है। सूत्रों ने बताया, अनस लगातार आईआरएफ के पदाधिकारियों के संपर्क में था और अनस के बैंक खाते में यह रकम ट्रांसफर की गई। अनस का खाता राजस्थान के टोंक में स्थित आईसीआईसीआई बैंक में है। गौरतलब है कि नाइक की संस्था आईआरएफ को केंद्र सरकार पिछले हफ्ते ही पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर चुकी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने भी आईआरएफ के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। एनआईए के मुताबिक मामला दर्ज करने के बाद से आईआरएफ से जुड़े 20 ठिकानों की तलाशी ली जा चुकी है, जहां से बड़े पैमाने पर डीवीडी, वीडियो टेप, जाकिर नाइक के भाषणों का कलेक्शन, संपत्ति, निवेश, देश-विदेश से मिले चंदे और वित्तीय लेनदेन के दस्तावेज बरामद हुए हैं।