नई दिल्ली। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने दिल्ली में घातक प्रदूषण के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पर्यावरण कानूनों के नियमित तौर पर कमजोर पडऩे को आज जिम्मेदार ठहराया।
श्री येचुरी ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति को बस लागू करने की जरूरत है। उन्होंने ट््वीट किया, दिल्ली में घातक प्रदूषण देश के अन्य हिस्सों के लिए चेतावनी है। केंद्र की ओर से पर्यावरण कानूनों को व्यवस्थित और नियमित रूप से कमजोर किया जा रहा है।
वरिष्ठ माकपा नेता ने एक अन्य ट््वीट में कहा, सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रगतिशील कानूनों की जरूरत है जिन्हें केवल लागू करने की जरूरत है। पिछले ढाई साल के दौरान केंद्र से हमने जो देखा है उसके ठीक विपरीत है।
दीपावली पर राजधानी में हुई आतिशबाजी और पड़ोसी राज्यों में फसलों के कचरा जलाये जाने से राजधानी में पिछले एक सप्ताह से फैले प्रदूषण से लोग बुरी तरह प्रभावित हैं। शनिवार को प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड टूटने के बाद रविवार सुबह भी राष्ट्रीय राजधानी और इससे सटे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लोगों को इससे राहत नहीं मिली। इन इलाकों में पूरे दिन भारी धुंध और घने कोहरे का मोटा चादर राष्ट्रीय राजधानी में छाया रहा और ²श्यता 200 मीटर से भी कम हो गया।
आज सुबह आर.के.पुरम और पंजाबी बाग पर पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का स्तर 999 रहा जो खतरनाक स्तर की तुलना में कई गुणा अधिक है। आज इंदिरा गांधी हवाईअड्डे और शांति पथ पर भी यह खतरनाक स्तर की तुलना में कई गुणा अधिक बना हुआ है।
राजधानी में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर से कई गुना अधिक हो जाने से घबराई दिल्ली सरकार ने आज सभी स्कूलों को तीन दिन बंद रखने ,बदरपुर बिजली संयंत्र दस दिन बंद रखने और सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव करने जैसे कई कदम उठाने की घोषणा की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरभवद केजरीवाल ने आज इस आशय की घोषणा की। कल शाम वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे से भी मिले थे। सोमवार को पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक भी बुलायी गई है।