देहरादून। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इस बात का जवाब मांगा कि पिछले महीने काशीपुर में एक युवक की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में निष्पक्ष जांच क्यों नहीं की जानी चाहिये।
इस मामले का स्वत संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक प्रति शपथपत्र दाखिल कर यह स्पष्टीकरण देने को कहा कि पुलिस हिरासत में युवक की मौत की निष्पक्ष जांच क्यों नहीं की जा सकती।
एक लडक़ी के कथित अपहरण के मामले में हिरासत में लिया गया जियाउद्दीन रजा काशीपुर की एक पुलिस चौकी के एक कमरे में लटकता हुआ पाया गया था। हालांकि, मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस पिटाई के कारण उसकी मृत्यु हुई। मामले में पुलिस द्वारा जारी जांच से असंतुष्ट रजा के पिता उसकी संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई मौत की सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं।
इस मामले में राज्य सरकार के जवाब के इंतजार के बीच, हालांकि, अदालत ने मौत की संदेहास्पद परिस्थितियों के बारे में सवाल उठाये हैं। जियाउद्दीन के अपनी सेल के छत के कुंडे से लटकता हुआ पाये जाने के दावे के बारे में अदालत ने पूछा कि केवल पांच फुट पांच इंच लंबा जियाउद्दीन लटकने के लिये 12 फुट उंची छत तक कैसे पहुंचा। -(एजेंसी)