विपक्ष बोलने नहीं दे रहा इसीलिए लोकसभा के बजाय जनसभा का इस्तेमाल : मोदी

Samachar Jagat | Saturday, 10 Dec 2016 01:36:19 PM
Why not speak against use of general rather than rally : Modi

डीसा (गुजरात)। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विपक्ष चूकि इस मुद्दे पर अपने झूठ के उजागर होने से बचने के लिए उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं नहीं दे रहा इसीलिए वह अपनी बात जनसभाओं के माध्यम से रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण के 50 दिन बाद लोगों की कठिनाई धीरे धीरे कम हो जाएगी और स्थिति सामान्य हो जाएगी पर लोगों को मोबाईल बैंकिग और ई पेमेंट जैसी चीजों को अपना लेना चाहिए ताकि उन्हें कभी भी बैंकों या एटीएम के समक्ष कतार नहीं लगानी पडे।

हेराफेरी करने वालों को नहीं छोडेंगे
उन्होंने यह भी कहा कि वह भ्रष्टाचारियों को और नोटों की हेराफेरी करने वालों को किसी कीमत पर नहीं छोडेंगे। मोदी ने यहां अपने गृहराज्य गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में एक जनसभा में कहा कि अगर मौका मिला तो वह लोकसभा में भी नोटबंदी पर विस्तार से अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि एक अलग राजनीतिक विचारधारा में पले बढे होने के बावजूद राष्ट्रपति ने भी संसद में जारी विपक्ष के हंगामे और गतिरोध को लेकर सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी की है।

मोदी ने विपक्ष से भ्रष्टाचार और काला धन विरोधी विमुद्रीकरण के मामले में सरकार का साथ देने की भी अपील की ताकि देश को आगे ले जाया जा सके। उन्होंने अपने खास लहजे में कहा कि पूरे देश में इस बात की चर्चा चल रही है कि नोटो का क्या होगा। आप मुझे बताईये आठ तारीख से पहले 100, 50, 20 के नोटों की कोई कीमत था क्या। छोटों को कोई पूछता था क्या। हर कोई 1000, 500 के नोटों की तरह केवल बडों को ही पूछता था। पर इसके बाद छोटे नोटो और छोटे लोगों की ताकत बढ गई।

इसलिए लिया नोटबंदी का कदम
मैने गरीब और सामान्य तबके की ताकत बढाने के लिए ही यह फैसला किया था। मोदी ने कहा कि पहले हर चीज में कच्चे  पक्के बिल की बात होती थी। नोटों की बेतहाशा छपाई से अर्थतंत्र इसके बोझ में ही दब गया था। मेरी लडाई है आतंकवाद से और इसको बल मिलता है जाली नोटों से। जाली नोटों के कारोबारी जितने देश में है उससे अधिक बाहर है। नोटबंदी के बाद नक्सली को अब लगता है मुख्य धारा में आना चाहिए। आतंकवाद को बल देने की जगह पर मृत्युदायी चोट हुई है।

भ्रष्टाचार से दुखी केवल ईमानदार नागरिक ही था। 70 साल तक इन ईमानदार लोगों को आपने लूटा परेशान किया उनका जीना मुश्किल कर दिया। आज जब वह मेरे साथ खडे हैं भडकाया जा रहा है। पर खुशी है कि लाख भडकाए जाने के बावजूद ईमानदार लोगों ने मेरा साथ दिया है। मोदी ने कहा कि कुछ लोग यह दलील देते है कि इस कदम का लाभ उनके मरने के बाद होगा पर वह भूल जाते हैं कि अपना देश मरने के बाद की चिंता भूल कर कर्ज लेकर घी पीने की वकालत करने वाले चार्वाक के दर्शन को नहीं मानता बल्कि यहां बूढे मां बाप तक खुद तकलीफ सह कर आने वाली पीढी की भचता करते हैं।

देश नहीं स्वार्थी लोगों का
उन्होंने कहा कि यह जो नए चार्वाक लोग पैदा हो गए हैं उनको 50 बार सोचना पडेगा कि यह देश स्वार्थी लोगों का नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद चल नहीं रही, चलने दी नही जा रही। सार्वजनिक जीवन में लंबा अनुभव वाले राष्ट्रपति जो अगल राजनीतिक विचारधारा में पले बढे है, वह संसद में गतिरोध की बात से इतने दुखी हो गए कि उन्हें सांसदों को टोकना पडा, नाम लेकर टोकना पडा।

सरकार कहती है प्रधानमंत्री बोलने को तैयार है आकर कहने को तैयार पर विपक्ष को मालूम है कि उनका झूठ टिकता नहीं। लोकसभा में मुझे बोलना नहीं दिया जाता तो मैने जनमसभा में बोलने का रास्ता चुन लिया। मौका मिला तो लोकसभा में भी जरूर सवा सौ करोड जनता की बात पहुंचाने का प्रयास करूंगा। विरोधी दलों से महात्मा गांधी और यरदार पटेल की इस धरती से सार्वजनिक आग्रह करना चाहता हूं कि जैसे चुनाव जबरदस्त विरोध के बावजूद सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रक्रिया को सही ढंग से चलाने, मतदाता सूची ठीक करने, अधिक मतदान कराने आदि को लेकर एक जैसा ही प्रयास करते हैं वैसे ही नोटबंदी के बाद लोगों को बैंकिंग पद्धति से अवगत कराने के लिए एकजुट प्रयास होना चाहिए।

कोई दल यह नहीं कहता कि नोटबंदी को रॉल बैक (वापस)करो। सब कहते हैं ठीक से लागू करो। मै सभी दलों से अपील करता हूं कि आप मेरी आलोचना कीजिए पर लोगों को बैंकिग पद्धति के बारे में अवगत कराए और देश का भाग्य बदले के इस उत्तम अवसर का फायदा उठाइये। अगर विरोधी दल यह काम करें तो मुझे बहुत आनंद आयेगा। राष्ट्रनीति राजनीति से ऊपर है। गरीबों के लिए बात करना आसान पर उनके लिए काम करना उतना आसान नहीं। मैने पहले दिन से कहा कि यह मामूली नहीं बल्कि बहुत मुश्किल और कठिन निर्णय है।

50 दिन की होगी तकलीफ
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैने कहा था कि 50 दिन तकलीफ होगी। शुरूआत में यह बढती जाएगी पर मैने हिसाब लगाया है कि इसके बाद धीरे धीरे आप देखेंगे परिस्थितयां सुधरती जाएंगी। स्थिति पहले जैसी सामान्य हो जाएगी। यह देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने का प्रमुख कदम है। सरकार भ्रष्टाचारियों के पीछे पड गयी है। ऐसे बैंककर्मी जेल जा रहे हैं।

नोट लेकर भागने वाले पकडे जा रहे हैं। वे सोचते थे कि वह पीछे से निकल जाएंगे पर मोदी ने पिछले दरवाजे पर भी कैमरे लगाये है यह शायद उन्हें नहीं मालूम। जिसने भी आठ तारीख के बाद गडबडी की है उसे सजा भोगनी पडेगी। ईमानदार लोग देश के लिए लाइन में खडे होकर तकलीफ झेल रहे हैं। मोदी ने कहा कि चांदी के सिक्कों से लेकर रूपया कागज तक आया और अब मोबाईल वाला ई बटुए का जमाना आ रहा है। उन्होंने कहा कि चेक भी वापस आने की बडी समस्या होती थी पर अब ई बटुए और मोबाइल बैंकिंग से लोगों को बहुत सुविधा होगी। लोगों को इनके बारे में बडे पैमाने पर जागरूक किया जाना चाहिए।

जनता से मांगा आशीर्वाद
इसके लिए आधारभूत संरचना और तकनीक देश में उपलब्ध है। उन्होंने भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ इस निर्णायक लडाई में जनता से आशीर्वाद मांगा। मोदी ने इससे पहले यहां अमूल ब्रांड के उत्पाद बनाने वाली बनास डेयरी के 350 करोड रुपए से बने चीज और व्हे संयंत्र का उद्घाटन किया और कांकरेज गांय के दूध सहित विभिन्न उत्पादों का भी विमोचन किया।



 

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