मुंबई। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मारग्रेट अल्वा ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार महिला आरक्षण विधेयक को आसानी से पारित कराया जाना सुनिश्चित कर सकती है लेकिन इसे लोकसभा में नहीं लाया जा रहा क्योंकि पुरुष नेताओं को अपनी सीट हारने का डर है।
उन्होंने कहा कि विधेयक...राज्य सभा ने पारित कर दिया और मौजूदा सरकार को लोकसभा में पूरा बहुमत है। इसे तुरंत पारित किया जा सकता है लेकिन वे इसे लोकसभा में नहीं ला रहे।
टाटा लिटरेचर लाइव फेस्टिवल में यहां चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि चूंकि विधेयक राज्यसभा में पारित हो चुका है इसलिए यह खत्म नहीं हुआ है क्योंकि राज्यसभा स्थायी सदन है। सभी दल प्रतिबद्ध हैं। इसलिए आपके पास लोग हैं जो समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे क्यों नहीं इसे ला रहे हैं? क्योंकि उन्हें डर है कि यह पारित हो जाएगा और उन्हें अपनी सीट गंवानी पड़ेगी।
राजस्थान की पूर्व राज्यपाल ने यह भी कहा कि महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं ने पवित्र बना दिया है।
उन्होंने कहा कि यह उन्हें तोडऩे को और कठिन बनाएगा, जब पारिवारिक कानून, उत्तराधिकार कानून महिलाओं के खिलाफ बनाए गए क्योंकि महिलाएं फैसला लेने वक्त हिस्सा नहीं रही हैं। ये कानून पुरुषों के संरक्षण के लिये पुरुषों के द्वारा बनाए गए और महिलाओं की कोई भूमिका नहीं रही।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुनियादी मुद्दा महिलाओं की जिंदगी पर गरीबी का प्रभाव है...सरकारें महिलाओं, खासकर गरीबों और ग्रामीण महिलाओं को हल्के में लेती है क्योंकि वे संगठित नहीं हैं और उनकी ट्रेड यूनियन नहीं है या उनके पीछे कोई शक्तिशाली लॉबी नहीं है।